सुपौल : सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार के लोगों को फ़िर से कोसी के कहर का डर सताने लगा है. कारण भारत-नेपाल के अधिकारियों के बीच मीटिंग का लंबा दौर पर पायलट चैनल का निर्माण नहीं हो सका. अगस्त 2008 की कोसी त्रासदी से बचने के लिए सुझाये तो गये पर उपाय अस्थायी साबित हो रहे हैं. कोसी को नियंत्रित करने के लिए 1955 में वीरपुर से कोपड़िया तक 125 किलोमीटर तथा...
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आंकड़ों की खेती से नहीं निकलेंगे परिणाम
रांची : यह आयोजन समेकित व समावेशी विकास के लिए है. विकास कार्यक्रम बनें व इनमें इनपुट ही सही न हो, तो काम ठीक नहीं हो सकता. दूसरी बात कि आंकड़ों की खेती से परिणाम नहीं निकलेंगे. कृषि क्षेत्र पर सबने चिंता जाहिर की है. राज्य के अधिकतर लोगों के जीवनयापन से जुड़ा यह क्षेत्र है, लेकिन यहां पलायन व अन्य समस्याएं हैं. अब लोगों के सुझाव से वास्तविकता के साथ...
More »मौत की बड़ी वजह आधुनिक जीवनशैली
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने 2011 की रिपोर्ट में कहा कि आधुनिक जीवन शैली की वजह से लोग कई बीमारियों की चपेट में हैं. सही खान-पान नहीं होने और बेतरतीब रहन-सहन से लोगों में हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियां तेजी से फ़ैल रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार ये बीमारियां अब गरीब देशों को अपनी गिरफ्त में ज्यादा ले रही हैं. इसके लिए इन सरकारों को अपनी चिकित्सा...
More »बनने थे 21 हजार मकान, बने एक हजार, मिले सिर्फ 12 को : राजेश शर्मा
भोपाल. योजना तो थी 21 हजार से अधिक गरीब परिवारों को मकान देने की, लेकिन पांच साल में सरकार केवल 12 परिवारों को ही मकान दे पाई है। योजना के तहत प्रदेश के 46 शहरों में एक हजार से अधिक मकान बनकर तैयार हैं,लेकिन इनकी कीमत गरीबी रेखा से ऊपर से निकलने के कारण हितग्राही इन्हें लेने को तैयार नहीं है। इन मकानों की कीमत 80 हजार से बढ़ कर करीब...
More »पानी के लिए 5 हजार करोड़ खर्च, पानी फिर भी पाताल में : राजेश माली
भोपाल. पांच साल। 5000 करोड़ रुपए खर्च। और, परिणाम, सूखती जमीन। यही हाल है प्रदेश का, जहां बारिश के पानी को सहेजने के लिए सरकारी पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है, लेकिन जमीन गीली होने की बजाय और सूखती जा रही है। राज्य के 313 में से 28% ब्लॉक भूजल मामले में ‘सुरक्षित’ नहीं रहे हैं। 5 साल में 42 और ब्लॉक में खतरे की घंटी बज गई है।...
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