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तंग नज़रिये के प्रतीकों का पोषण-- एस निहाल सिंह

फिल्म पद्मावती को लेकर छिड़ा विवाद एक बड़ी समस्या की ओर इशारा करता है। केंद्र में 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद से अभिव्यक्ति की आजादी तथा अपने अंदाज़ में ज़िंदगी जीने के लिए जगह सिकुड़ती जा रही है। दूसरा, सार्वजनिक बातचीत में सतहीपन आ गया है, जबकि कांग्रेस के शासनकाल में ऐसा नहीं होता था। इसके कारण कहीं दूर तलाश करने की जरूरत नहीं। आरएसएस के...

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वनांचल के कई स्कूलों में ताला तो कहीं मध्याह्न भोजन के बाद छुट्टी

चिल्फीघाटी। प्रदेश भर में शिक्षाकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से पिछले 3 दिनों से वनांचल की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। कहीं स्कूल बंद है तो कहीं समूह द्वारा मध्यान्ह भोजन कराकर छुट्टी कर दी जा रही है। लेकिन शिक्षाकर्मियों की हड़ताल से प्राथमिक स्कूल चिल्फी में अनोखा नजारा देखने को मिला। जहां पर प्राइवेट स्कूल के शिक्षक बच्चों को पढ़ाते नजर आए। ये शिक्षक सरस्वती शिशु मंदिर...

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आंगनबाड़ियों में नहीं मिल रहा दोपहर का भोजन, कागजों में चल रही योजनाएं

रवि श्रीवास्तव, राजगढ़। जिले में पोषाहार, स्नेह सरोकार, ममता अभियान सहित सांझा चूल्हा आदि योजनाओं के जरिए कुपोषण भगाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। लेकिन कुपोषण बधाों का पीछा नहीं छोड़ रहा। महिला बाल विकास विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में 2 हजार 820 बच्चे अतिकुपोषित एवं 26 हजार 35 बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। दोनों श्रेणियों को मिला दें तो कुल 28 हजार 855 में से 15 हजार...

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प्रद्युम्न हत्याकांडः कंडक्टर अशोक का आरोप- पुलिस ने जुर्म कबूलने के लिए किया प्रताड़ित

गुरुग्राम। प्रद्युम्न की हत्या के आरोप में जेल में बंद बस कंडक्टर अशोक गुरुग्राम की अदालत से जमानत के बाद अपने गांव घामडौज पहुंचा है। यहां पहुंचने के बाद अशोक ने मीडिया इसके लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वो काफी तकलीफ में है। अशोक ने इस दौरान गुरुग्राम पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसे जुर्म कबूल करने के लिए काफी प्रताड़ित किया गया। वहीं अशोक की पत्नी...

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संपत्ति में स्त्री के हिस्से की हकीकत-- प्रदीप श्रीवास्तव

महिलाओं को निजी संपत्ति में हिस्सा देने की बहस काफी पुरानी है। हमारे देश में स्वतंत्रता संग्राम के साथ ही यह बहस तेज हो गई थी। ब्रिटिश राज और उससे आजादी के बाद समय-समय पर कानून बनाए गए हैं, जो महिलाओं को निजी संपत्ति का अधिकार तो देते हैं, लेकिन समाज में पुरुष प्रधान सोच के कारण कानून पंगु बना रहा। वर्तमान समय में फैक्टरी, कार्यालय, खेत या घर- हर...

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