SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 4589

तीस लाख मतदाता चाहें भी तो इस चुनाव में मतदान नहीं कर सकते- आखिर क्यों, पढ़िए इस एलर्ट में !

‘वोट इंडिया वोट' के नारे के साथ एक सरकारी वेबसाइट पर लिखा है- ‘ मतदान प्रक्रिया में भाग लें, मतदाता होने पर गर्व महसूस करें.' लेकिन क्या कभी आपने सोचा कि भारत की एक बड़ी कामगार आबादी चाहे तो भी वोट नहीं कर सकती ? ऐसे कामगारों में एक नाम आता है ईंट भट्ठे के मजदूरों का ! इस बार ईंट भट्ठे पर काम करने वाले तकरीबन 30 लाख मजदूर अपने...

More »

नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशनल स्कीम: 20 लाख युवाओं को करना था रोज़गार के लिए तैयार, हुए सिर्फ 2.90 लाख

नई दिल्ली: भारत वाकई दुनिया का एक अद्भुत देश है. यहां बेरोजगारी भी एक बहुत बड़ा रोजगार है. खासकर सियासत और नौकरशाही के लिए. बेरोजगारी न होती तो हजारों करोड़ रुपये का मनरेगा न होता और मनरेगा के नाम पर मची लूट न होती. एक ऐसी लूट, जिसने पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार को सांस्थानिक स्वरूप दे दिया. बेरोजगारी न होती तो दो करोड़ नौकरी हर साल देने का वादा न होता...

More »

आईटी कंपनी ने ग़ैर-क़ानूनी रूप से जमा किया 7.8 करोड़ लोगों का आधार डेटा, एफआईआर दर्ज

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में करोड़ों आधार डेटा के दुरुपयोग का मामला सामने आया है. आधार बनाने वाली कंपनी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने खुद इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. यूआईडीएआई के अधिकारियों की एक शिकायत के आधार पर, साइबरबाद पुलिस ने शुक्रवार को मतदाताओं के डेटा का कथित अनधिकृत उपयोग और जमा करने के लिए हैदराबाद शहर की ‘आईटी ग्रिड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' के खिलाफ एक और...

More »

भारतीय डाक को 15,000 करोड़ रुपये का घाटा, बीएसएनएल और एयर इंडिया को भी पीछे छोड़ा

नई दिल्लीः सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी (पीएसयू) इंडिया पोस्ट ने घाटे के मामले में बीएसएनएल और एयर इंडिया को भी पीछे छोड़ दिया है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019 में कंपनी के राजस्व और ख़र्च के बीच का अंतर 15,000 करोड़ रुपये का है. इस तरह इंडिया पोस्ट का घाटा बीएसएनएल और एयर इंडिया के घाटे से अधिक है. वित्त वर्ष 2018 में बीएसएनएल को 8,000 करोड़ रुपये...

More »

नमक से पहले पानी: आंबेडकर का महाड़ मार्च बनाम गांधी का दांडी मार्च-- सिद्धार्थ

आज से करीब 90 साल पहले, 20 मार्च, 1927 को डॉ. आंबेडकर ने महाड़ के चावदार तालाब से दो घूंट पानी पीकर ब्राह्मणवाद के हजारों वर्षों के कानून को तोड़ा था और ब्राह्मणवाद को चुनौती दी थी. वहीं, 6 अप्रैल, 1930 को गांधी ने नमक हाथ में लेकर अंग्रेजों के कानून को तोड़ा और ब्रिटिश सत्ता को चुनौती दी. दोनों इतिहास की बड़ी घटनाएं हैं और दोनों का असर वर्तमान...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close