वे गांव लौटे तो नक्सलवादियों का निशाना बन जाएंगे और यदि राहत शिविरों में रहते हैं तो उन्हें अमानवीय परिस्थितियों के बीच ही बाकी जिंदगी गुजारनी पड़ेगी. सलवा जुडूम अभियान के दौरान बस्तर के राहत शिविरों में रहने आए हजारों ग्रामीण आदिवासी आज त्रिशंकु जैसी स्थिति में फंसे हैं. राजकुमार सोनी की रिपोर्ट कोतरापाल गांव की प्रमिला कभी 15 एकड़ खेत की मालकिन थी, लेकिन गत छह साल से वह अपने...
More »SEARCH RESULT
बुनकरों को मिलेगी क्रेडिट कार्ड, पेंशन सुविधा
कामठी//नागपुर. महाराष्ट्र शासन द्वारा कामठी के हाथकरघा बुनकरों को क्रेडिट कार्ड देने की योजना के अंतर्गत कामठी की सहकारी संस्थाओं की सभी चालू माग धारक बुनकरों को राज्य सरकार की ओर से प्रति बुनकर 25 हजार रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक का क्रेडिट कार्ड देना तय किया गया है। ग्रीन सिटी हातमाग विणकर सहकारी संस्था के कार्यालय में बुनकर क्रेडिट कार्ड की जानकारी देने हेतु एक कार्यक्रम का...
More »मौजूदा श्रमकानूनों की समीक्षा की जरूरत: मनमोहन
नई दिल्ली, 14 फरवरी (एजेंसी) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि बाजार के मौजूदा नियामकीय ढांचे की समीक्षा की जरूरत है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं वह श्रम कल्याण में बिना किसी वास्तविक योगदान के विकास, रोजगार वृद्धि तथा उद्योगों की राह में आड़े तो नहीं आ रहा है। सिंह ने कहा, ‘‘ हालांकि हमारी सरकार अपने कर्मचारियोंं के हितों की रक्षा को लेकर प्रति प्रतिबद्ध...
More »खेत में उगाई ‘नोटों की फसल’
बिलासपुर. अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र से बैगा परिवारों को विस्थापित करने के खेल में वन विभाग ने करोड़ों का भ्रष्टाचार किया है। लोरमी के कठमुडा में 74 बैगा परिवारों को विस्थापित कर बसाया गया है। इन परिवारों के पुनर्वास के लिए 7 करोड़ 40 लाख रुपए दिए गए थे। इस राशि में से प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपए मिलने थे, जिसमें उन्हें घर, खेत, अन्य सुविधाएं और प्रोत्साहन राशि दी जानी...
More »2011:पोलियो उन्मूलन की दिशा में आगे बढ़ा भारत
नयी दिल्ली, छह जनवरी (एजेंसी) बीता साल स्वास्थ्य क्षेत्र के लिहाज से नवजात मृत्यु दर में गिरावट, देश में सर्वाधिक लंबे समय तक पोलियो का कोई नया मामला नहीं आने और 90 साल में जनसंख्या में एक दशक में सबसे कम वृद्धि जैसी खबरों का रहा। नवजात मृत्युदर गत वर्ष घटकर 47 प्रति एक हजार जन्म रह गयी जो कि वर्ष 2009 में 50 व 2007 में 58 थी। पिछले कुछ...
More »