अब जब साल खत्म होने को है, सामान्य सी बात है कि हम अतीत पर नजर डालें, सोचें कि क्या अच्छा हुआ, क्या नहीं। बेहतर तो यही होगा कि हम यह देखें कि पर्यावरण और हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए क्या पहल हुई? पर्यावरण सूचकांक भले ही मंदा दिखे, लेकिन इस एक साल में कुछ ऐसा भी हुआ, जो उम्मीद जगाता है। यह उदाहरण उत्साहित करने वाला है- अमेरिकी मूल...
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अंगूठे के निशान नहीं मिल पाए तो कैशलेस सिस्टम में क्या होगा'
भोपाल। 'कई बार अंगूठे के निशान नहीं मिल पाते। ऐसे में पीओएस मशीन से व्यक्ति की पहचान कैसे होगी? गांव में नेटवर्क ही नहीं मिलता है, तो कैशलेस व्यवस्था कैसे काम करेगी? 40 हजार रुपए भेजने हैं और गलती से 4 लाख चले गए तो कैसे वापस आएंगे?" कैशलेस सिस्टम को लेकर ये सवाल बैंक अधिकारियों के सामने मंत्रियों ने रखे। मौका था मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद आयोजित...
More »लाखों की नौकरी छोड़ बच्चों का स्कूल खोला
मुजफ्फरपुर : आइआइएम, लखनऊ से पढ़ाई और इंफोसिस व जेडएस जैसी नामी कंपनियों में नौकरी, जिसमें हर माह वेतन के रूप में लाखों का पैकेज, लेकिन ये सब छोड़ मधुबनी की बेटी और मुजफ्फरपुर की बहू गरिमा विशाल ने बच्चों को पढ़ा कर समाज को बदलने का रास्ता चुना. उन्होंने डेजाऊ नाम से बच्चों का स्कूल खोला है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों पर विशेष जोर दिया...
More »लाखों की नौकरी छोड़ बच्चों का स्कूल खोला
मुजफ्फरपुर : आइआइएम, लखनऊ से पढ़ाई और इंफोसिस व जेडएस जैसी नामी कंपनियों में नौकरी, जिसमें हर माह वेतन के रूप में लाखों का पैकेज, लेकिन ये सब छोड़ मधुबनी की बेटी और मुजफ्फरपुर की बहू गरिमा विशाल ने बच्चों को पढ़ा कर समाज को बदलने का रास्ता चुना. उन्होंने डेजाऊ नाम से बच्चों का स्कूल खोला है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों पर विशेष जोर दिया...
More »सवालों में घिरी नोटबंदी-- अनुपम त्रिवेदी
आज से एक हफ्ते बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वयं-निर्धारित 50 दिन की समय-सीमा समाप्त हो रही है. देश इंतजार कर रहा है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी के वादे के अनुसार हालात सामान्य हो जायेंगे या फिर छह महीने और लगेंगे, जैसा कि सरकार विरोधी कह रहे हैं? असमंजस की स्थिति है. आम आदमी और अर्थशास्त्री, सभी कयास लगा रहे हैं. पर, प्रश्न बहुत हैं और उत्तर कम. नोटबंदी पर...
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