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'देश के 192 जिले ओडीएफ बिहार का एक भी नहीं' - केंद्रीय राज्यमंत्री

पटना : देश के 192 जिले ओडीएफ (खुले से शौच मुक्त) हो गये हैं, लेकिन इसमें बिहार का एक भी जिला शामिल नहीं है. प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 32.5 फीसदी ही इस पर काम हुआ है, जो राष्ट्रीय औसत से आधा है. राष्ट्रीय स्तर पर शौचालय व स्वच्छता पर 67 फीसदी काम हो चुका है. यह जानकारी केंद्रीय पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री एसएस अहलुवालिया ने दी. बिहार दौरे...

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मौसम की मार झेलने वाली स्वास्थ्य सेवा बनाएं-- डा. पूनम खेत्रपाल

मुंबई में बुधवार को भारी बारिश ने फिर कहर ढहाया, जबकि अमेरिका अन्य देशों में चक्रवातीय तूफानों ने विकसित देशों में भी आपदा प्रबंधन के साथ स्वास्थ्य रक्षा के उपायों की कलई खोल दी है। यह सच है कि जलवायु परिवर्तन अब अपना असर दिखाने लगा है। ऐसे में इसके प्रभावों का पूर्वानुमान लगाकर अचानक आने वाली आपदाओं ही नहीं, डेंगू जैसे कई रोगों के फिर लौटने से निपटने की...

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बड़े बांध का बड़ा विरोध-- नवीन जोशी

कई तकनीकी एवं कानूनी रुकावटों और लंबे जन-आंदोलनों के बावजूद सरदार सरोवर बांध अंतत: अपनी पूरी ऊंचाई के साथ हकीकत बन गया. मगर ‘एक आदिवासी के विस्थापन की तुलना में सात आदिवासियों को लाभ पहुंचाने' के दावे वाले, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इस बांध के उद्घाटन के साथ बड़े बांधों के व्यापक नुकसान की चर्चा थम नहीं गयी है.    बड़े बांधों के खिलाफ आवाज बुलंद करनेवालों के तेवर और...

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कर्जमाफी की दुश्वारियां-- कृष्णप्रताप सिंह

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले मार्च में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से सत्ता में आई भाजपा सरकार छह महीने की होते-होते कई तरह की मुसीबतों से घिर गई है। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में मासूमों की मौतों को लेकर हुई सरकार की किरकिरी पूरे देश में चर्चा का विषय बनी थी। अब उत्तर प्रदेश सरकार की बहुप्रचारित किसान ऋणमोचन योजना भी एक...

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सरदार सरोवर : गांव जाते और विस्थापन की बात किए बगैर ही लौट आते थे

रुमनी घोष, इंदौर। 'बांध बनाना जितना मुश्किल था, उससे ज्यादा मुश्किल काम हमारा था। इंजीनियर्स के पास फॉर्मूला था, लेकिन लोगों से उनका ही घर खाली करवाने के लिए हम कौन सा फॉॅर्मूला लगाते। आलम यह था कि 16-17 किमी पैदल, कई जगह नाव से नर्मदा पार कर गांव पहुंचते। दो-तीन दिन रुकते और विस्थापन की बात किए बगैर ही लौट आते। यह सिलसिला ढाई से तीन साल तक चलता...

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