SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1787

क्या कागजी ही रहेगा बालश्रम कानून- किशोर

जनसत्ता 30 अप्रैल, 2013: मंत्रिमंडलीय समितिद्वारा बालश्रम (प्रतिबंधन एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 में संशोधन को मंजूरी दिए छह महीने से ज्यादा हो गए हैं, पर अभी तक यह संसद के दोनों सदनों में पास नहीं हो पाया है। इस संशोधन को राज्यसभा में पेश भी किया जा चुका है, पर मामला उससे आगे नहीं बड़ा है। इस अधिनियम में संशोधन के बाद चौदह वर्ष से कम आयु के बच्चों से...

More »

पंचायतों को मजबूत बनाने की जरूरत:पीएम

नयी दिल्ली : नौकरशाही द्वारा अभी भी निर्वाचित स्थानीय निकायों के साथ अधिकार साझा करने में अनिच्छा दिखाने पर खेद जताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पंचायती राज संस्थाओं को और मजबूत तथा अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए इस सोच में तुरंत बदलाव की जरुरत बताई. प्रधानमंत्री ने कहा, पंचायतों को जिम्मेदारी और सही अर्थो में अधिकार देने के लिए अभी भी काफी कुछ किये जाने की जरुरत है.’’ प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पंचायती...

More »

बीपीएल के चक्कर से मुक्त सरकारी योजनाएं

बीपीएल सर्वेक्षण, सूची निर्माण और बीपीएल सूची में शामिल होने की होड़ का सच एक ऐसी तसवीर पेश करता है, जो सरकारी लाभ पाने की हमारे ग्रामीण समाज की जरूरत और भूख की दिशाहीनता दरसाता है. अव्वल तो बीपीएल सूची में शामिल लोगों को उनका वाजिब हक देने में तंत्र के हाथ-पांव फूल रहे हैं. इस सूची में शामिल गरीब लाभ से वंचित हैं. दूसरी ओर बड़ी संख्या में अमीर और सक्षम परिवार गरीबों...

More »

रंग ला रही है बुंदेलखंड को सूखे से निजात दिलाने की कवायद

सागर(मप्र)। जिस बुंदेलखंड को गुजरे जमाने से दरकती जमीन और प्यासे कंठ को तर करने की जद्दोजहद में सर पर गगरी लिए, तपती पगडंडियों पर मीलों तक भटकती महिलाओं और बच्चों के झुंडों के दृश्यों के लिए जाना जाता रहा हो अब प्रदेश सरकार, उसी अंचल की जमीन के चप्पे-चप्पे की प्यास बुझाने और इसे सिंचित बनाने की कवायद में जुटी है। अगर आंकड़ों की मानें तो पिछले पांच साल...

More »

सुधारों की दिशा और आम आदमी( पू्र्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के जन्मदिवस पर प्रभात खबर की विशेष प्र?

भारत में आर्थिक सुधारों को लागू किये जाने के 22 वर्ष बाद भी इस पर मंथन का दौर जारी है. पिछले दो दशकों के अनुभव हमें बता रहे हैं कि आर्थिक उदारीकरण के पैरोकारों ने जिस स्वर्णिम भविष्य का हमसे वादा किया था, वह सच्चाई से दूर, छल से भरा हुआ और भ्रामक था. इन वर्षों में आर्थिक उदारीकरण विकास के चमचमाते आंकड़ों पर सवार होकर हम तक जरूर आया,...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close