SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1643

गायब हो गई गरीबी के सरकारी आंकड़ो की पोल खोलने वाली रिपोर्ट

क्या आपको अर्जुन सेनगुप्ता समिति की रिपोर्ट की याद है? यही थी वह रिपोर्ट जिसने सरकार के गरीबी के आंकड़ों को झुठलाते हुए कहा कि तकरीबन 80% भारतीय रोजना 20 रुपये से भी कम की आमदनी में गुजारा करने को बाध्य हैं।नेशनल कमीशन फॉर इन्टरप्राइजेज इन द अनआर्गनाइज्ड सेक्टर के नाम से जानी गई यह रिपोर्ट अब सूचनाओं के सार्वजनिक जनपद से गायब है। नेशनल कमीशन फॉर इन्टरप्राइजेज इन द अनआर्गनाइज्ड सेक्टर की वेबसाइट अब...

More »

बिहटा में होगा बिहार का पहला आइटी हब

पटना : बिहार का आइटी हब बिहटा में होगा. बेंगलुरु के इंटरनेशनल टेक पार्क व हैदराबाद के सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क के तर्ज पर बिहटा में आइटी पार्क बनाने की तैयारी चल रही है. यह बिहार का पहला आइटी पार्क होगा. सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग के नेतृत्व में इस पर कार्य किया जा रहा है. एक निजी कंपनी को भूमि का सर्वे कराने व बिजनेस प्लान बनाने की जिम्मेदारी दी गयी है. यह...

More »

स्वास्थ्य विभाग में पेट्रोल-डीजल के नाम पर 87 लाख रुपए का घोटाला

बिलासपुर. स्वास्थ्य विभाग में वाहनों के रखरखाव और पेट्रोल-डीजल के नाम पर 87 लाख रुपए का घोटाला उजागर हुआ है। सीएमओ दफ्तर के प्रशासकीय अधिकारी ने बिना वित्तीय अधिकार के न सिर्फ यह रकम निकाली, बल्कि उसकी बंदरबांट भी कर ली। इसके बाद उसके फर्जी बिल भी जमा कर दिए गए। सूचना का अधिकार में मिले दस्तावेज से इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। कुछ माह पहले स्वास्थ्य विभाग में लोडिंग-अनलोडिंग...

More »

भारतबंद का मिलाजुला असर, आमजन परेशान

नयी दिल्ली: डीजल के दामों में वृद्धि, खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मूंजरी और सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या घटाए जाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ राजग, वाम दलों और समाजवादी पार्टी द्वारा आहूत बंद का आज देश में मिलाजुला असर देखने को मिला.   बंद के चलते राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार,झारखंड पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पंजाब तथा हरियाणा सहित विभिन्न राज्यों में सामान्य जनजीवन पर असर पडा. मुंबई...

More »

"छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश का मॉडल बेहतर"- आरपी सिंह

झारखंड के राज्य ग्रामीण विकास संस्थान (सर्ड) के निदेशक राम प्रताप सिंह (आरपी सिंह) अपनी जिम्मेवारियों के प्रति संवेदनशील व समय के पाबंद हैं. गांव के विकास से जुड़े हर बिंदु पर वे मौलिक राय रखते हैं और इसे साझा भी करते हैं. तीन दशकों बाद जब झारखंड में पंचायत राज निकाय का गठन हुआ, तो उसे गति देने के लिए क्षमतावान अधिकारियों की जरूरत महसूस की गयी. ऐसे में...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close