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बच्चों की अनगढ़ भाषा में हमारी आकांक्षाओं के अक्स- नरेश गोस्वामी

देश के ग्रामीण इलाकों के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षण और बच्?चों की बोधगम्यता संबंधी एक अध्?ययन से पता चला है कि प्राथमिक कक्षाओं के ज्?यादातर बच्?चे गणित और भाषायी ज्ञान दोनों में ही कुशलता के जरूरी स्?तर से दो ग्रेड नीचे हैं। इस अध्?ययन के अनुसार बच्?चों में सही वाक्?य-रचना की क्षमता कम होती जा रही है। यूनेस्?को और यूनिसेफ द्धारा समर्थित इस अध्?ययन में आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और...

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स्वाइन फ्लू से हो सकता है मृत शिशु का जन्म

गर्भावस्था के दौरान स्वाइन फ्लू संक्रमित महिलाओं में मृत शिशुओं या विसंगती वाले शिशुओं के जन्म देने का खतरा बेहद बढ जाता है।     ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की नेशनल पेरीनैटल इपिडेमियोलॉजी इकाई के नये अध्ययन में गर्भवती महिलाओं से फ्लू से बचने के लिए वैक्सीन लेने की सलाह दी गई है। अनुसंधानकर्ताओं ने ब्रिटेन के अस्पतालों में भर्ती और फ्लू की शिकार हर गर्भवती महिला के मामले का अध्ययन किया।     अध्ययन...

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दस साल में तीन गुना बढ़ी भारतीयों की औसत संपत्ति

दिल्ली. देश में भले ही बड़ी संख्या में गरीब रहते हों, लेकिन प्रति भारतीय औसत संपत्ति विगत दस वर्षो में तीन गुनी बढ़कर 5,500 डॉलर (करीब 2.70 लाख रुपए) हो गई है। इसी के साथ कुल वैश्विक संपत्ति में सबसे अधिक योगदान देने वाले देशों की सूची में भारत छठे पायदान पर आ गया है। इसके बावजूद भारतीयों की औसत संपत्ति 51 हजार डॉलर के इसके वैश्विक आंकड़े की तुलना में काफी कम...

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इन्क्लूसिव मीडिया फैलोशिप (2011)--- परिणाम घोषित

विकासशील समाज अध्ययन पीठ (सीएसडीएस) के इन्क्लूसिव मीडिया फैलोशिप के लिए देश भर से आठ पत्रकार चयनित हुए हैं। इसमें एक फैलोशिप का प्रायोजन देश के स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाने वाले वाले स्वयंसेवी संगठन प्रथम के aser (एनुअल स्टेटस् ऑव एजुकेशन-रुरल) की तरफ से किया गया है।  इन्कलूसिव मीडिया प्रोजेक्ट के अन्तर्गत मीडिया-रिसर्च का भी काम होता है, साथ ही भारत के ग्रामीण संकट...

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बत्तीस के फेर में गरीबी : इला भट्ट

अब देश की सरकार गरीबी के मानदंडों में संशोधन करने जा रही है, जैसे कि देश को पता ही न हो कि गरीबी के मायने आखिर क्या हैं! सरकार का मानना है कि शहरी क्षेत्र में एक दिन में 32 रुपए और ग्रामीण क्षेत्र में एक दिन में 26 रुपए से अधिक खर्च करने वाला व्यक्ति ‘गरीब’ नहीं माना जा सकता और इसलिए वह सरकार की विभिन्न हितकारी योजनाओं के लिए पात्र...

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