SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1703

गेहूं निर्यात का बेस प्राइस घटाने पर विचार संभव

मौजूदा बेस प्राइस पर सरकारी गेहूं निर्यात में प्राइवेट निर्यातकों की दिलचस्पी नहीं : थॉमस केंद्रीय खाद्य मंत्री के. वी. थॉमस ने कहा है कि सरकार प्राइवेट निर्यातकों के जरिये गेहूं निर्यात के लिए न्यूनतम मूल्य (बेस प्राइस) में कटौती करने पर विचार कर सकती है ताकि विश्व बाजार में भारतीय गेहूं निर्यात संभव हो सके और घरेलू सरकारी गोदाम खाली किए जा सकें। मौजूदा बेस प्राइस पर प्राइवेट निर्यातकों ने...

More »

अब तक गेहूं की सरकारी खरीद 194 लाख टन

चालू रबी विपणन सीजन 2013-14 में गेहूं की सरकारी खरीद 2.1 फीसदी बढ़कर 194 लाख टन की हो गई है। गेहूं की सरकारी खरीद की गति कुछ राज्यों में पहले की तुलना में धीमी हो गई है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान में खरीद पिछले साल से कम हुई है। अभी तक हुई कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश की है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के...

More »

कृषि सेक्टर को मिलने वाले कर्ज में आई तेजी

रिजर्व बैंक की रिपोर्ट फरवरी 2013 में एग्री सेक्टर को कर्ज में वृद्धि गत वर्ष के 8.1 से बढ़कर 16.1 फीसदी बैंक प्राथमिक सेक्टर को कर्ज उपलब्ध कराने वाले लक्ष्य को पूरा करने में जुट रहे हैं उद्योग जगत को कर्ज की वृद्धि दर गत वर्ष के 18.2 फीसदी से घटकर 17.6 फीसदी देश में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों की ओर से कृषि सेक्टर को दिया जाने वाला कर्ज लगातार बढ़ता जा...

More »

खाद्य सुरक्षा की चिंता होगी छू-मंतर

वैज्ञानिकों द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा के स्नेत खोजने का सिलसिला जारी है. इसी में एक है, धरती पर असीम मात्र में पायी जाने वाली लकड़ी का एक मुख्य तत्व सेल्युलोज. लेकिन इस दिशा में शोध करते हुए जीवविज्ञानियों को एक नयी चीज का पता चला है. शोधरत जीवविज्ञानियों का कहना है कि सेल्युलोज न सिर्फ नवीकरणीय ऊर्जा बल्कि विश्व में खाद्य सुरक्षा की चिंता को भी समाप्त करने में सहायक सिद्ध हो सकता...

More »

सुधारों की दिशा और आम आदमी( पू्र्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के जन्मदिवस पर प्रभात खबर की विशेष प्र?

भारत में आर्थिक सुधारों को लागू किये जाने के 22 वर्ष बाद भी इस पर मंथन का दौर जारी है. पिछले दो दशकों के अनुभव हमें बता रहे हैं कि आर्थिक उदारीकरण के पैरोकारों ने जिस स्वर्णिम भविष्य का हमसे वादा किया था, वह सच्चाई से दूर, छल से भरा हुआ और भ्रामक था. इन वर्षों में आर्थिक उदारीकरण विकास के चमचमाते आंकड़ों पर सवार होकर हम तक जरूर आया,...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close