अंबरीश कुमार, लखनऊ। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सीमा पर स्थित पेंच नदी पर 41 मीटर का बड़ा बांध केंद्रीय मंत्री कमलनाथ के निर्वाचन क्षेत्र में बिना केंद्र सरकार की मंजूरी के बन रहा है। यह आरोप जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय की सदस्य मेधा पाटकर ने लगाया है। मेधा पाटकर ने पेंच परियोजना के खिलाफ आंदोलन छेड़ने से पहले जनसत्ता से बात करते हुए यह जानकारी दी। इस परियोजना में बांध क्षेत्र...
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गरीबी बन रही थी पढ़ाई में बाधा तो कर ली खुदकुशी
पढ़ाई में बाधा बन रही गरीबी से परेशान सीनियर बीटेक छात्र ने हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। छात्र नेशनल हाईवे-24 स्थित जिंदल नगर के भगवंत इंस्टीट्यूट में बीटेक (सिविल इंजीनियरिंग) थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रहा था। पुलिस ने हॉस्टल के बंद कमरे की खिड़की तोड़कर शव को पंखे से नीचे उतारा। मौके से पुलिस ने सुसाइड नोट भी बरामद किया है। छात्र मनीष मलिक (22) पुत्र अरविंद मलिक...
More »भट्रटा पारसौल के किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस
लखनऊ (एजेंसी) उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने वादे पर अमल करते हुए पिछले साल मई में गौतमबुद्धनगर के भट्रटा तथा परसौल गांव में जमीन अधिग्रहण के विरोध में पुलिस के साथ हुए संघर्ष के मामले में आरोपित किसानों पर दर्ज मुकदमें वापस ले लिए हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि निर्दोष किसानों के विरुद्व दर्ज मुकदमों को जनहित एवं न्यायहित में वापस ले लिया गया है।...
More »छह साल की उम्र में सर से उठा मां का साया, समाज ने बना दिया नौकरानी
अम्बाला। तब उसकी उम्र करीब छह साल थी। मां का साया सिर से उठ चुका था। पिता की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। उस समय उसे जरूरत थी कि कोई मदद के लिए आगे आए, सहारा बने, ताकि बच्ची का भविष्य बन जाए। ऐसे में पिता का एक जानकार आगे आया, लेकिन बच्ची का भविष्य...
More »समानता के पहरुए- अरुण माहेश्वरी
जनसत्ता 2 नवंबर, 2012: नवउदारवाद के लगभग चौथाई सदी के अनुभवों के बाद मुख्यधारा के राजनीतिक अर्थशास्त्र को बुद्ध के अभिनिष्क्रमण के ठीक पहले ‘दुख है’ के अभिज्ञान की तरह अब यह पता चला है कि दुनिया में ‘गैर-बराबरी है’, और इससे निपटे बिना मुक्ति, यानी आर्थिक-संकटों की लहरों में डूबने से बचने का रास्ता नहीं है। ‘द इकोनॉमिस्ट’ पत्रिका के ताजा अंक (13-19 अक्तूबर) में विश्व अर्थव्यवस्था के बारे में उन्नीस...
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