भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...
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झारखंड में 99 % परिवारों को नहीं मिलता पाइप से पानी
नयी दिल्ली : झारखंड के ग्रामीण इलाकों में 99 प्रतिशत परिवारों को पाइप से पानी नहीं मिलता है. मात्र एक प्रतिशत से भी कम परिवारों को ही पाइप द्वारा जलापूर्ति की जाती है. ग्रामीण विकास राज्य मंत्री अगाथा संगमा ने आज राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि वर्ष 2005-06 में करवाये गये राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-तीन के अनुसार राज्य के एक प्रतिशत से भी कम परिवारों को पाइप द्वारा जलापूर्ति की जाती...
More »नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए अलग योजना बने
नई दिल्ली। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने गुरूवार को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए अलग योजना बनाने की मांग की। लोकसभा में भाजपा के उपनेता गोपीनाथ मुंडे ने गुरूवार को संवाददाताओं से कहा कि सरकार को नक्सल प्रभावित राज्यों के विकास के लिए अलग से योजना बनानी चाहिए ताकि इन इलाकों में बिजली, पानी और संपर्क मार्ग सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था के तहत नक्सल प्रभावित...
More »मनरेगा के तहत 162 रुपये हुई दैनिक मजदूरी
सिरसा, जागरण संवाद केंद्र सिरसा जिला सहित पूरे प्रदेश मे महात्मा गाधी राष्ट्रीय रोजगार गारटी योजना के तहत दैनिक मजदूरी की न्यूनतम दर 151 रुपए से बढ़ाकर 162 रुपए कर दी गई है । उपायुक्त युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने बताया कि हरियाणा ग्रामीण विकास विभाग के वितायुक्त एवं प्रधान सचिव द्वारा जारी मैमो नंबर मनरेगा -2010/2286 दिनाक 16-4-2010 के अनुसार अब अकुशल मजदूरों को कम से कम 162 रुपए, अर्धकुशल में ए श्रेणी के मजदूरों को 167 रुपए व बी श्रेणी के मजदूरों को 172 रुपए, कुशल...
More »बस्तर के पिछड़ेपन के लिए नक्सल हिंसा जिम्मेदार
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बस्तर के पिछड़ेपन के लिए नक्सलियों को जिम्मेदार ठहराया है तथा कहा है कि आदिवासियों के विकास में रुकावट डालने वालों को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कल यहां ''भारत की अनुसूचित जनजातियां: कल, आज और कल'' विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी के इस आधुनिक दौर में भी यदि के बस्तर संभाग के आदिवासी...
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