SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 256

कमाई के कंगूरे और गरीबी का गर्त- धर्मेन्द्र पाल सिंह

स्विट्जरलैंड के बर्फीले नगर दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक की पूर्व संध्या पर ब्रिटेन की संस्था ऑक्सफाम ने एक रिपोर्ट जारी की, जिससे पूरी दुनिया में हंगामा मच गया। ‘एन इकोनॉमी फॉर दी 1%' नामक इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आज महज बासठ खरबपतियों की संपत्ति 17.6 खरब डॉलर (1187.64 खरब रुपए) है, जो विश्व की आधी आबादी की दौलत के बराबर है। एक प्रतिशत अमीरों...

More »

हकीकत और विकास के विरोधाभास- आकार पटेल

हम अपने आर्थिक इतिहास के सबसे विचित्र दौर से गुजर रहे हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री ने हाल ही में कहा कि मौजूदा वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर करीब नौ फीसदी रहने का अनुमान है. मौजूदा केंद्र सरकार अब तक की अपनी एक मात्र उपलब्धि का हवाला देते हुए यही कहती रही है कि भारत दुनिया की सबसे तेज गति से उभरनेवाली अर्थव्यवस्था है.  यदि...

More »

थोक मुद्रास्फीति शून्य से नीचे फिर भी खाद्य महंगाई संकट

नई दिल्ली। सरकार भले ही थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति को काबू कर शून्य से नीचे रखने में कामयाब रही हो लेकिन खाद्य वस्तुओं की बढ़ती महंगाई दर बड़ी चुनौती बनी हुई है। खाद्य महंगाई दर लगातार बढ़ते हुए दिसंबर में 8.17 प्रतिशत पर पहुंच गई है। खास बात यह है कि केंद्र की तमाम कोशिशों के बावजूद दलहन की महंगाई दर थमने का नाम नहीं ले रही है। वहीं...

More »

विकास के किफायती मॉडल की ओर - जयंत सिन्‍हा

सुस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत प्रगति की मशाल थामने और दुनिया के विकास में मुख्य भागीदार बनने को तैयार है। अगले दशक में सकल आर्थिक विकास की दृष्टि से भारत लगभग चीन जितनी और अमेरिका से लगभग दोगुनी भागीदारी करने वाला है। भारतीयों के लिए भारत में तैयार उत्पाद और सेवाओं का उपयोग पूरी विकासशील दुनिया में किया जाने वाला है। इसलिए भारत का किफायती विकास मॉडल न सिर्फ मात्रात्मक...

More »

आंकड़ों की धूल में छिपा सच-- अनिल रघुराज

इसका स्वार्थ, उसका स्वार्थ. तेरा स्वार्थ, मेरा स्वार्थ. सबका स्वार्थ अलग-अलग हो सकता है. लेकिन, सबका सच एक ही होता है. दिक्कत यह है कि शोर में सच कहीं खो गया है. भांति-भांति की आवाजों में इस सच को खोज पाना भूसे के ढेर में सुई ढूंढने जैसा है. यह मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं. बस, शोर को बड़ा एकाग्र होकर सुनना होगा, जैसे नाद योग या नाद साधना...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close