जनसत्ता 12 अप्रैल, 2013: हालांकि यूपीए सरकार की मंशा थी कि बजट सत्र में ही खाद्य सुरक्षा विधेयक को संसद से पास करा लिया जाए, पर ऐसा नहीं हो पाया। संसद की कार्यवाही बार-बार स्थगित होने से संशोधित विधेयक अब तक पेश नहीं हो सका है। अब इस विधेयक के बजट सत्र के अंतराल के बाद पेश होने की उम्मीद है। वास्तव में यह विधेयक यूपीए के 2009 के उस...
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खाद्यान्न की वैश्विक कीमत में गिरावट की उम्मीद नहीं
अस्पष्ट दिशा खाद्यान्न के मूल्य में बड़ी गिरावट आने के आसार नहीं बाजार की तस्वीर अगले महीनों में मानसून पर तय होगी हालांकि अमेरिका में मक्का का स्टॉक अनुमान से 8 फीसदी ज्यादा अगले महीनों में मौसम के हालात तय करेंगे खाद्य वस्तुओं के मूल्य की दिशा अमेरिका और दूसरे प्रमुख उत्पादक देशों में खाद्यान्न का उत्पादन बढऩे...
More »संशोधित खाद्य सुरक्षा विधेयक को हरी झंडी
नयी दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को देश की दो-तिहाई आबादी को एक से तीन रुपये प्रति किलोग्राम की सस्ती दरों पर प्रति व्यक्ति एक समान 5 किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए संशोधित खाद्य सुरक्षा विधेयक को मंजूरी दे दी. हालांकि अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत आने वाले करीब 2.43 करोड़ बेहद गरीब परिवारों को प्रति परिवार प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न की कानूनी अर्हता होगी. इन परिवारों को सार्वजनिक वितरण...
More »खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 10.91 प्रतिशत पहुंची
नयी दिल्ली (भाषा)। खुदरा मुद्रास्फीति में लगातार पांचवें महीने बढ़ोतरी का रुख रहा। फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 10.91 प्रतिशत पहुंच गई। सब्जियों, खाद्य तेल, अनाज और प्रोटीनयुक्त वस्तुओं की कीमत बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ी। जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति 10.79 प्रतिशत थी। दिसबर में खुदरा मुद्रास्फीति दहाई अंक का स्तर पार कर 10.56 प्रतिशत रही थी, जबकि नवंबर में यह 9.90 प्रतिशत थी। आज जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, साल दर साल आधार...
More »किसानों की बर्बादी की योजना- देविंदर शर्मा
इससे अधिक नुकसानदेह और कुछ नहीं हो सकता। चीनी से नियंत्रण हटाने की योजना है। इससे गन्ना उगाने वाले किसान शुगर मिलों की दया पर निर्भर हो जाएंगे। रंगराजन कमेटी द्वारा गन्ने के स्टेट एडवाइस्ड प्राइस (एसएपी) को खत्म करने के सुझाव के बाद अब किसानों को फेयर एंड रेमुनेरेटिव प्राइस (एफआरपी) पर निर्भर रहना होगा। एफआरपी का निर्धारण केंद्र सरकार करती है और यह राज्य सरकारों द्वारा तय किए जाने...
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