नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बैसाखी के बाद उत्तर भारत की मंडियों में गेहूं की सरकारी खरीद में खासी तेजी आ गई है। पंजाब और हरियाणा की मंडियों में ही सिर्फ एक दिन में 10 लाख टन गेहूं की आवक हुई, जिसमें से आठ लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद एफसीआइ सहित अन्य सरकारी एजेंसियों ने की। अब तक कुल 45 लाख टन की खरीद हो चुकी है, जबकि पिछले...
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चालू सीजन में 351 लाख गांठ कपास उत्पादन संभव
देश में कपास का उत्पादन पहले अनुमान से 2.75 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कम रहने का अनुमान है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई ) के अनुसार चालू वर्ष 2012-13 में देश में 351 लाख गांठ कपास उत्पादन होने का अनुमान है। प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में अभी तक 294.25 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है। सीएआई के अध्यक्ष डी. एन. सेठ के अनुसार वर्ष 2012-13 में देश...
More »चालू सीजन में चावल की सरकारी खरीद घटकर 289 लाख टन
चालू मार्केटिंग सीजन में 401 लाख टन चावल खरीद का लक्ष्य निर्धारित चालू खरीफ विपणन सीजन 2012-13 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर चावल की सरकारी खरीद 2 फीसदी घटकर 288.76 लाख टन की ही हुई है। पिछले विपणन सीजन की समान अवधि में 295.88 लाख टन की खरीद हुई थी। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार चालू विपणन सीजन में अभी तक हुई चावल की सरकारी खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी...
More »सरकारी खरीद न होने से मंडियों में गेहूं के भाव एमएसपी से कम
विवशता - यूपी व हरियाणा के किसान अपनी उपज सस्ते दाम पर बेचने को मजबूर मंडियों में सप्लाई शाहजहांपुर मंडी में दैनिक आवक 8,000 से 10,000 क्विंटल इस मंडी में गेहूं का भाव 1,290 रुपये प्रति क्विंटल मथुरा मंडी में 2,000 क्विंटल, हरदोई मंडी में 8,000 क्विंटल सप्लाई सरकारी खरीद न होने से भाव 1,290 से 1,330 रुपये प्रति क्विंटल हरियाणा की कैथल मंडी में 2,500 क्विंटल गेहूं की आवक लेकिन एफसीआई का दावा- अभी आवक न...
More »पैदावार बढऩे से जौ में गिरावट के आसार
कितनी आई कमी मंडियों में एक माह में कीमतों में 150 रुपये की गिरावट मौजूदा भाव 1,225-1,230 रुपये प्रति क्ंिवटल रह गए दैनिक आवक 15,000 से 20,000 बोरियों की हो रही मई वायदा अनुबंध में 15 दिनों में दाम 4 फीसदी तक गिरे आगे क्या उम्मीद चालू सीजन में जौ की पैदावार 12.3 फीसदी बढऩे की उम्मीद अप्रैल में मंडियों में आवक बढऩे से दाम में और गिरावट संभव लेकिन माल्ट कंपनियों व निर्यातकों की मांग से फिर...
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