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जीएसटी परिषद में गैर-भाजपा शासित राज्य राजस्व, नुकसान की भरपाई का उठा सकते हैं मुद्दा

-द प्रिंट, जीएसटी परिषद की बृहस्पतिवार को होने वाली बैठक हंगामेदार हो सकती है. गैर-भाजपा शासित राज्य, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के कारण राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिये केंद्र पर वादे के अनुसार क्षतिपूर्ति देने को लेकर दबाव बनाने हेतु पूरी तरह से एकजुट हैं. सूत्रों के अनुसार जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये होगी. बैठक का एकमात्र एजेंडा–राज्यों के राजस्व में कमी...

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बी.टी.- बैंगन सहित किसी भी जी.एम. फसलो की अनुमति नहीं दी जायेगी – प्रकाश जावेडकर

-भारतीय किसान संघ प्रेस नोट,  भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर से बीटी बैंगन के जेनेटिकली मोडीफाइड परीक्षणों के लिए अनुमति नहीं देने की मांग को लेकर मुलाकात की उस समय श्री जावेडकर जी ने यह आश्वाशन दिया । भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के अंतर्गत जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति द्वारा हाल ही में देश के 8 राज्यों में  जनुकीय परिवर्तित (जी.एम.) फसल बीटी बैंगन...

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मातृ मृत्यु के SDG-3 लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमें दक्षिणी राज्यों से सीखने की आवश्यकता है

मातृ मृत्यु अनुपात पर जारी नए विशेष बुलेटिन से पता चलता है कि साल 2014-16 में भारत का मातृ मृत्यु अनुपात (MMRatio) 130 मातृ मृत्यु प्रति एक लाख जीवित जन्म था जोकि साल 2015-17 में घटकर 122 मातृ मृत्यु प्रति एक लाख जीवित जन्म हो गया, और यह साल 2016-18 के दौरान घटकर 113 मातृ मृत्यु प्रति एक लाख जीवित जन्म रह गया है. सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के अनुसार, मातृ...

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पिछले 20 सालों में सांप डसने से हुई 10 लाख से अधिक भारतीयों की मौत

हाल ही में, ‘ट्रेंडस् इन स्नेकबाइट मोर्टिलिटी इन इंडिया फ्रॉम 2000 टू 2019’ नामक एक शोध लेख प्रकाशित हुआ है, जोकि राष्ट्रीय स्तर पर, भारत में सांप के डसने मृत्यु दर के रुझानों से अवगत कराता है. शोध लेख के मुताबिक, जहरीले सांपों के डसने के कारण पिछले दो दशकों में 10 लाख से अधिक भारतीयों की मौत हुई है. ओपन एक्सेस जर्नल elifesciences.org में प्रकाशित इस शोध-आधारित अध्ययन में...

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लॉकडाउन ने हाशिए पर रह रहे लोगों को बिल्कुल साधनहीन बना दिया है

हाल ही में किया गया सर्वेक्षण COVID-19 लॉकडाउन की घोषणा के लगभग 45 दिनों के बाद श्रमिकों की अनिश्चित स्थितियों का खुलासा करता है. इस सर्वे में दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, असम, राजस्थान और झारखंड राज्यों के 1,405 प्रवासियों से टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम से बातचीत कर अनिश्चित स्थितियों का आकलन किया गया था.  ‘लेबरिंग लाइव्स: हंगर, प्रीकरिटी एंड डेसपेयर एमिड लॉकडाउन’ नामक इस रिपोर्ट में लॉकडाउन के 45 दिन...

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