रांची : राज्य में चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों की पोल खोलने के लिए गृह विभाग के पिछले छह माह के आंकड़े ही काफी हैं। जनवरी से जून तक पुलिस ने 17 नक्सलियों को मारा है तो नक्सलियों ने भी इतने ही पुलिसकर्मी मार गिराए हैं। इस तरह इस अभियान में हिसाब-किताब बराबर चल रहा है। नक्सलियों और पुलिस के बीच हुए तीन दर्जन मुठभेड़ों से आगे बढ़ें तो इस मायने में...
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गोदान : किसान की शोकगाथा--- . गोपाल प्रधान
‘गोदान’ के प्रकाशन के 75 साल पूरे हो गए हैं लेकिन भारत का देहाती जीवन आज भी लगभग उन्हीं समस्याओं और चुनौतियों से घिरा दिखता है जिनका वर्णन मुंशी प्रेमचंद के इस कालजयी उपन्यास में हुआ है. गोपाल प्रधान का आलेख सन 1935 में लिखे होने के बावजूद प्रेमचंद के उपन्यास 'गोदान' को पढ़ते हुए आज भी लगता है जैसे इसी समय के ग्रामीण जीवन की कथा सुन रहे हों....
More »असल संत की अंत कथा- आशीष खेतान और मनोज रावत
गंगा को लेकर संतों और खनन माफिया के बीच छिड़ी लड़ाई में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक नहीं बल्कि बार-बार और खुल्लमखुल्ला खनन माफिया का साथ दिया है. स्वामी निगमानंद की मौत के पीछे का सच सामने लाती आशीष खेतान और मनोज रावत की विशेष पड़ताल बाबा रामदेव को ध्यान खींचने की कला आती थी. स्वामी निगमानंद के पास यह हुनर नहीं था. इसलिए एक ओर रामदेव विदेशों में जमा...
More »वैज्ञानिकों की कमी से जूझ रहा है देश : प्रवीन अरोड़ा
करनाल. नित नई रिसर्च कर विदेशों में अपना डंका बजाने वाले हमारे देश में इस समय वैज्ञानिकों की भारी कमी सामने आ रही है। स्थिति यह है कि निर्धारित पदों में से भी करीब 20 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। जोकि चिंता का विषय है। ऐसे में दूसरे देशों को साइंस एंड टेक्नोलॉजी में कंपीटिशन देना भी चुनौतीपूर्ण रहता है। यह खुलासा कृषि वैज्ञानिक चयन बोर्ड के चेयरमैन डा. सीडी माई...
More »कभी दाता, आज मोहताज
हाल कुक्कुट प्रक्षेत्र बेला का, कभी उत्तर बिहार में मुर्गीपालन में स्वरोजगार का सबसे बड़ा मददगार, आज है बदहाल मो. शमशाद, मुजफ्फरपुर : मुर्गी पालन को स्वरोजगार बनाने वालों के लिए कभी सबसे बड़ा मददगार रहा बेला स्थित कुक्कुट प्रक्षेत्र आज खुद एक-एक चूजे के लिए मोहताज है। हालात ये हैं कि प्रक्षेत्र अपना अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद कर रहा है। काफी अरसे से चूजा सप्लाई नहीं होने से अब...
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