नई दिल्ली [मुकेश केजरीवाल]। गंभीर बीमारियों से लड़ने वाले प्रतिरोधक टीकों का 'सुरक्षा कवच' अगर स्वास्थ्य मंत्रालय ने तोड़ा तो उसके पीछे विश्व स्वास्थ्य संगठन [डब्ल्यूएचओ] की धौंस भी थी। हालांकि इस संगठन की देश में हैसियत सलाहकार की ही है, लेकिन इसने दरोगाई अंदाज में सरकार को कुछ प्रावधानों का हवाला देकर दवा क्षेत्र के शीर्ष नियामक की मान्यता रद करने की धमकी दे डाली थी। इस धमकी के दबाव में स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसरों...
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भुखमरी-एक आकलन
खास बात - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में 24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...
More »सवाल सेहत का
खास बात • सिर्फ 10 फीसदी भारतीयों के पास हेल्थ इंश्योरेन्स है और यह बीमा भी उनकी सेहत की जरुरतों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। *** • अस्पताल में भर्ती भारतीय को अपनी सालाना आमदनी का 58 फीसदी इस मद में व्यय करना पड़ता है।*** • तकरीबन 25 फीसदी भारतीय सिर्फ अस्पताली खर्चे के कारण गरीबी रेखा से नीचे हैं। *** • सेहत के मद में होने वाले खर्चे का सवाल बड़ा चिन्ताजनक है। सालाना 10 करोड़ लोग...
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