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सीजेआई यौन उत्पीड़न: जस्टिस लोकुर ने कहा- संस्थागत भेदभाव हुआ, शिकायतकर्ता को मिले जांच रिपोर्ट

नई दिल्ली: सीजेआई रंजन गोगोई के ख़िलाफ़ पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में सुप्रीम कोर्ट की शुरुआती जांच को संस्थागत भेदभाव बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि कर्मचारी के साथ न्याय नहीं हुआ है.' बता दें कि पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने वाले जस्टिस मदन बी लोकुर उन चार जजों...

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बढ़ते तापमान में मानसून की राहत- महेश पलावत

भारत में मानसून की भविष्यवाणी काफी अहमियत रखती है। इसके महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह देश की कृषि-पैदावार और अर्थव्यवस्था की दशा-दिशा तय करती है। चूंकि भारत की करीब 58 फीसदी आबादी अब भी अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर है और सिंचाई का प्रमुख साधन मानसूनी बारिश है, इसलिए इस भविष्यवाणी से यह आकलन किया जाता है कि खरीफ की फसल कितनी...

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2016 के बाद इस साल फरवरी में सबसे अधिक रही बेरोज़गारी दर: रिपोर्ट

नई दिल्ली: पिछले ढाई साल की तुलना में इस साल फरवरी में भारत में बेरोजगारी दर अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र (सीएमआईई) द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2019 में भारत में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.2 प्रतिशत हो गई, जो कि सितंबर 2016 के बाद सबसे अधिक है. यह आंकड़ा पिछले साल फरवरी में 5.9 प्रतिशत था. रॉयटर्स के अनुसार, मुंबई स्थित सीएमआईई...

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आरटीआई के तहत नोटबंदी से जुड़ी जानकारी नहीं देने पर सीआईसी ने आरबीआई को लगाई फटकार

नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने आरटीआई के तहत नोटबंदी से जुड़ी जानकारी देने में लापारवाही बरतने को लेकर रिजर्व बैंक की खिंचाई की है और उसके केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एक आरटीआई आवेदन में निदेशक मंडल की उस बैठक का ब्योरा मांगा गया था जिसमें नोटबंदी के मुद्दे पर विचार किया गया था. आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने आरबीआई के केंद्रीय...

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राजनीतिक एजेंडे में पर्यावरण क्यों नहीं-- नवरोज के दुबाश

भारत में पर्यावरण की हालत काफी भयावह है। इससे जुड़े आंकडे़ परेशान करने वाले हैं। मसलन, देश की हर पांच में से तीन नदियां प्रदूषित हैं। ज्यादातर ठोस कचरों का निस्तारण नहीं किया जाता; यहां तक कि देश के समृद्ध हिस्सों में भी नहीं। मुंबई में 90 फीसदी, तो दिल्ली में 48 फीसदी कचरों का निस्तारण नहीं हो पाता। फिर, देश की तीन-चौथाई आबादी उन हिस्सों में बसती है, जहां...

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