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बीजों के ट्रायल के लिए तांता

रायपुर राज्य में बिक्री के पहले हाईब्रिड बीजों की ट्रायल रिपोर्ट अनिवार्य करने के बाद इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में निजी कंपनियों की लाइन लग गई है। दर्जनों कंपनियों ने अपने बीजों की टेस्टिंग कराने की एक हजार से ज्यादा अर्जियां लगाई हैं। आवेदनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने नए सैंपल लेना ही बंद कर दिया है। धान के हाईब्रिड बीजों का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कृषि विभाग ने...

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बीज विधेयक किसानों की हित-रक्षा में नाकाम

बीज विधेयक 2010 संसद के मौजूदा सत्र में बहस के बाद पारित किए जाने के लिए तैयार है। इस विधेयक का शुरुआती मसौदा किसानों के बजाय कृषि-व्यवसायियों के फायदे में होने के कारण विवादास्पद साबित हुआ था। पहले संसदीय स्थायी समिति और फिर सर्वदलीय बैठक में विचार-विमर्श के बावजूद कई किसान संगठनों, विपक्षी राजनीतिक दल तथा नागरिक संगठनों का मानना है कि यह विधेयक छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा में सफल नहीं...

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असल संत की अंत कथा- आशीष खेतान और मनोज रावत

गंगा को लेकर संतों और खनन माफिया के बीच छिड़ी लड़ाई में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक नहीं बल्कि बार-बार और खुल्लमखुल्ला खनन माफिया का साथ दिया है. स्वामी निगमानंद की मौत के पीछे का सच सामने लाती आशीष खेतान और मनोज रावत की विशेष पड़ताल बाबा रामदेव को ध्यान खींचने की कला आती थी. स्वामी निगमानंद के पास यह हुनर नहीं था. इसलिए एक ओर रामदेव विदेशों में जमा...

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बिहारः छात्रों के साथ हर साल 60 अरब चला जाता है बाहर : रोहित नारायण

पटना। अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने के सरकार के दावों के बावजूद इस साल भी बड़ी संख्या में बिहारी छात्र राज्य के बाहर जा रहे हैं और जाने को तैयार हैं। सीबीएसई, आईसीएसई और बिहार बोर्ड के रिजल्ट के बाद छात्रों को रिझाने के लिए पिछले एक महीने में कई करियर मेले लग चुके हैं। इनमें भाग लेने वाले शैक्षणिक संस्थान बिहारी छात्रों के रेस्पांस से काफी उत्साहित हैं। आने वाले...

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अकाल, भुखमरी इस देश में कई समुदायों की जीवनसाथी है- विनायक सेन से आशीष कुमार अंशु की बातचीत

विनायक सेन को लेकर मीडिया और समाज में दो तरह की छवि है। एक विनायक सेन, जिन्हें हमेशा देश के दुश्मन के तौर पर पेश किया जाता है, दूसरे विनायक सेन वे जो आदिवासियों के शुभचिंतक हैं और गरीब समाज के मसीहा हैं। दोनों विचार अतिवादी हैं। इस तरह एक आम भारतीय असमंजस की स्थिति में है कि वह इन दोनों में से किसे सच माने और किसे झूठ! यदि हम मीडिया की नजर...

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