भोपाल. राजधानी से लगभग 15 किमी दूर स्थित एक पॉल्ट्री फार्म ऐसा है, जिसने गैर परंपरागत तरीके से बिजली पैदा करने का अनोखा उदाहरण पेश किया है। यहां मुर्गियों के अपशिष्ट (बीट) से हर रोज 350 से 400 यूनिट बिजली बनाई जा रही है। पारंपरिक स्रोत से इतनी बिजली की व्यावसायिक कीमत लगभग 2000 रुपए होती है, जबकि मुर्गियों की बीट से इतनी ही बिजली एक तिहाई कीमत में बन रही है। भदभदा रोड स्थित...
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बैल आधारित खेती की ओर लौटेगा मध्यप्रदेश
भोपाल। सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में कदमताल करने के लिए आईटी पार्क बनाने वाला मध्यप्रदेश खेती के मामले में जैविक और पशु आधारित तरीके को अख्तियार करने जा रहा है। कृषि मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया प्रदेश की जैविक कृषि नीति का प्रारुप को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। इस प्रारूप को 16 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपा जाएगा। अनाज उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद की बढ़ती मांग के बीच...
More »भेंटवार्ता जोन पी मेंशे से- वकार अहमद सईद
नृत्त्वशास्त्र की अध्येता जॉन पी मेंशे से की गई यह भेटवार्ता फ्रंटलाइन से साभार ली गई है। प्रोफेसर जोन पी मेंशे नृत्तत्वशास्त्र की अध्येता हैं। उन्होंने बरसों तक सिटी यूनिवर्सिटी ऑव न्यूयार्क के ग्रेजुएट सेंटर और इसी यूनिवर्सिटी के लेहमान कॉलेज में अपने विषय का अध्यापन किया है। प्रोफेसर मोंशे सेकेंड चांस फाऊंडेशन नामक एक नॉट फॉर प्राफिट संस्था की अध्यक्ष भी हैं। यह संस्था भारत और संयुक्त राज्य...
More »बीटी बैंगनः लड़ाई अब अंतिम दौर में
देश में बीटी बैंगन उगाने की अनुमति को लेकर बहस अब तेज हो गई है। बहुराष्ट्रीय कंपनी मोनसांटो और उसकी भारतीय साझेदार मायको इसकी तरफदारी कर रही हैं। तो स्वयंसेवी संस्थाएं व स्वतंत्र वैज्ञानिक इसका विरोध। दावों और विरोध का आधार क्या है? वैज्ञानिक सबूत क्या हैं? ऐसे में बीटी कॉटन का पिछले आठ साल का प्रदर्शन ही क्या बीटी बैंगन को उगाने की अनुमति का आधार हो सकता है? गुजरात: बीटी कॉटन से छाई खुशहाली बीटी...
More »विलुप्त हो रहे परंपरागत बीजों को बचाने की दरकार
हरित क्रांति की शुरुआत करने वाले नॉर्मन बोरलॉग को हाइब्रिड यानी संकर किस्म के बीज तैयार करने के लिए अक्सर याद किया जाता है लेकिन आज छोटे किसानों के कई ऐसे समूह हैं जो पारंपरिक बीजों की खोज कर रहे हैं। ऐसे बीजों की बुआई कुछ जगहों पर प्राथमिकता के आधार पर होती है और वहां हाइब्रिड बीज का इस्तेमाल नहीं होता है। दो साल पहले छत्तीसगढ़ में भारी बारिश हुई...
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