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जानिए क्‍या होता है जीडीपी, यह दर्शाता है देश की अर्थव्‍यवस्‍था की तस्‍वीर

जीडीपी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को समझने का सबसे अच्छा तरीका है। जीडीपी का अर्थ होता है सकल घरेलू उत्पाद यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट। जो एक दी हुई अवधि में किसी देश में उत्पादित, आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त अंतिम माल और सेवाओं का बाजार मूल्य है। यह एक आर्थिक संकेतक भी है जो देश के कुल उत्पादन को मापता है। देश के प्रत्येक व्यक्ति और उद्योगों द्वारा किया...

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58 साल में मात्र ढाई फीसदी बढ़ी दालों की खेती

नई दिल्ली। दालों की बढ़ती कीमतों के लिए इस साल भले ही रबी फसल पर पड़ी बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार को जिम्मेदार बताया जा रहा हो, लेकिन आंकड़ों के अनुसार, इसका प्रमुख कारण सालों से दालों की खेती की अनदेखी है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी विश्व खाद्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही हैं। गेहूं का रकबा 164 फीसदी और धान का रकबा 36 फीसदी बढ़ा आधिकारिक आंकड़ों...

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30 साल के सबसे बड़े सूखे जैसे हालात, घट सकती है GDP की ग्रोथ रेट

नई दिल्ली। अल नीनो की वजह से कमजोर होते मानसून ने देश के कई इलाकों में सूखे जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। ऐसे में लगातार दूसरे साल फसलों के लिए मौसम प्रतिकूल हो गया है। इसका सीधा असर प्रोडक्शन से लेकर इकोनॉमी पर पड़ने की आशंका है। ऐसा इसलिए है, क्‍योंकि करीब 30 साल बाद लगातार दूसरे साल सूखे जैसे हालात बन गए हैं। इकोनॉमिस्ट के अनुसार अगर स्थिति...

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थोक मुद्रास्फीति शून्य से 4.95 प्रतिशत नीचे के ऐतिहासिक निम्नस्तर पर

नयी दिल्ली : दाल और प्याज के दाम ऊंचे रहने के बावजूद थोक मुद्रास्फीति में गिरावट का रुझान लगातार 10वें महीने जारी रहा. अगस्त में सस्ते ईंधन एवं सब्जियों के मद्देनजर यह शून्य से 4.95 प्रतिशत नीचे के ऐतिहासिक स्तर पर आ गयी. इससे आरबीआइ पर ब्याज दरें घटाने का दबाव बढेगा. थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जुलाई में शून्य से 4.05 प्रतिशत नीचे थी. नवंबर 2014 से थोक मुद्रास्फीति लगातार...

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115 साल में चौथे सबसे बड़े सूखे के हालात, भड़क सकती है महंगाई

नई दिल्ली। देश में लगातार दूसरे साल सूखे के हालात बन रहे हैं। ऐसा भारत के 115 साल के इतिहास में चौथी बार होने जा रहा है। इससे आम आदमी से लेकर सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 2014 के पूरे मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान देशभर में सामान्य के मुकाबले 88 फीसदी औसत बारिश हुई थी। वहीं, इस साल 1 जून से 4 सितंबर तक 645.7 मिलीमीटर औसत बारिश...

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