नई दिल्ली: भारत में राजनीतिक विज्ञापन के लिए विज्ञापनदाताओं ने पिछले महीने चार करोड़ से अधिक रुपये फेसबुक पर खर्च किए. इनमें से आधे से अधिक विज्ञापन सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों ने दिए. यह आंकड़ा फेसबुक के ऐड आर्काइव रिपोर्ट से सामने आया है. भाजपा और उसके सहयोगियों ने फरवरी में फेसबुक पर 2.37 करोड़ रुपये खर्च किए. इस दौरान फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापन के लिए क्षेत्रीय पार्टियों...
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स्वच्छ चुनाव के विभिन्न आयाम- अजीत रानाडे
हाल में सुप्रीम कोर्ट ने वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें ‘अपराधी' उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गयी थी. याचिकाकर्ता का तात्पर्य ऐसे उम्मीदवारों से था, जिन पर हत्या, हत्या की कोशिश, भयादोहन, बलात्कार, अपहरण या गबन के अभियोग लगे हैं, पर अभी उन्हें उक्त अपराध में दोषसिद्ध करार न दिया गया हो. चूंकि न्यायिक प्रक्रिया दशकों लंबी खिंच सकती है और जब तक...
More »आरटीआई के दायरे में आएं राजनीतिक दल, न्यायपालिका, मीडिया और उद्योगपति: राहुल गांधी
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि वह राजनीतिक पार्टियों को सूचना का अधिकार (आरटीआई) के दायरे में लाने के विरोध में नहीं हैं, बशर्ते न्यायपालिका और मीडिया सहित अन्य संस्थाएं भी इस दायरे में लाई जाएं. स्थानीय जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में विश्वविद्यालयों के छात्रों से चर्चा के दौरान राजनीतिक फंडिंग के स्रोतों पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष ने यह बात कही. राहुल...
More »बंगाल की खाड़ी से बवंडर-- मृणाल पांडे
मूल मंशा चाहे जो रही हो, केंद्र से आये सीबीआई के जत्थे का यकायक कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के घर पर नाटकीय धावा बोल देना बंगाल की खाड़ी से उठा एक बीहड़ बवंडर दिख रहा है. इसने देखते-देखते सारे देश को गिरफ्त में लेकर समूचे विपक्ष को ममता के पक्ष और केंद्र के खिलाफ लामबंद कर दिया है. यदि पता होता कि पांच साल पुराने मामले की जांच...
More »खुद की अदालत में मीडिया-- मृणाल पांडे
हमारे साहित्य या मीडिया में खुद अपने भीतरी जीवन की सच्चाई जिक्री तौर से ज्यादा, फिक्री तौर से कम आती है. मसलन दर्शक-पाठक भली तरह जान चुके हैं कि मीडिया के भीतर कैसी मानवीय व्यवस्थाएं हैं, खबरें कैसे जमा या ब्रेक होती हैं. पत्रकारों के बीच एक्सक्लूसिव खबर देने के लिए कैसी तगड़ी स्पर्धा होती है. लेकिन, पिछले दो दशकों में उपन्यासों, कहानियों या मीडिया पर लिखे जानेवाले काॅलमों में...
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