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कोरोना वायरस संकट : भारत में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा 200 पार, अफवाह फैलाने वाले चार लोग गिरफ्तार

-सत्याग्रह, कोरोना वायरस को लेकर गलत जानकारी फैलाने के आरोप में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इन्हें किश्तवाड़, कानपुर, नरसिंहपुर और वाराणसी से गिरफ्तार किया गया है. इनमें से एक मंत्र के इलाज से कोरोना वायरस का दावा कर रहा था. उधर, बेंगलुरु में अपने बेटे के स्पेन से आने की बात छिपाने वाले रेलवे के एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है. उसका बेटा बाद में...

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मिर्जापुर के किसानों ने कहा- 'हमसे जमीन ले लेते, लेकिन हमारी खड़ी फसल क्‍यों बर्बाद की'

''हम साहब से कहने गए थे कि हमारी जमीन पर फसल लगी है, 20-25 दिन और रुक जाइए ताकि हम फसल काट सकें, लेकिन साहब ने हमारी नहीं सुनी। हमें लाठ‍ियों से मारा और गेहूं की खड़ी फसल पर जेसीबी चला दी। यह तो गलत है न! अब हम क्‍या खाएंगे?'' यह शब्‍द मिर्जापुर के जाधवपुर गांव के रहने वाले 71 साल के श्रीराम बिहारी के हैं। श्रीराम बिहारी मिर्जापुर...

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सामाजिक असमानताओं के कुचक्र में फंसा 'डिजीटल इंडिया' का सपना

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) की एक हालिया रिपोर्ट डिजिटल डिवाइड और भारत के कैशलेस अर्थव्यवस्था बनने के विरोधाभास को उजागर करती है. नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) की ‘भारत में शिक्षा पर घरेलू सामाजिक उपभोग के प्रमुख संकेतक, जुलाई 2017 से जून 2018' नामक रिपोर्ट में कंप्यूटर और इंटरनेट की उपयोगिता के मामले में ग्रामीण-शहरी विभाजन काफी स्पष्ट दिखता है. शिक्षा पर 75वें दौर के नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) की...

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नदीसूत्रः मुंबई की मीठी नदी का कड़वा वर्तमान और जहरीला भविष्य

-इंडिया टूडे हिंदी   मायानगरी मुंबई कुछ महीनों पहले सोशल मीडिया पर आरे के जंगल बचाने जाग गई थी. पर शहर के लोगों ने एक मरती हुई नदी पर कुछ खास ध्यान नहीं दिया. मुंबई ने एक नदी को मौत की नींद सोने पर मजबूर कर दिया है. नाम है मीठी, पर इसका भविष्य और वर्तमान दोनों कड़वा-कसैला है. खुद महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने माना है कि मीठी नदी में अवशिष्ट...

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भारत बंदः ट्रेड यूनियन क्यों कर रहे हैं आज हड़ताल?

केंद्र सरकार की 'श्रमिक विरोधी नीतियों' के खिलाफ़ बुधवार को मजदूर यूनियनों ने देशव्यापी बंद का ऐलान किया है. दावा है कि हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोग हिस्सा लेंगे. मजदूर यूनियनों का आरोप है कि सरकार श्रम कानून में बदलाव करके उनके अधिकारों का हनन कर रही है और लेबर कोड के नाम पर मौजूदा व्यवस्था को पूरी तरह ख़त्म किया जा रहा है. ट्रेड यूनियनों की प्रमुख मांगों में बेरोजगारी,...

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