-डाउन टू अर्थ, भारत में जीवन प्रत्याशा पर किए सबसे हालिया अनुमानों के अनुसार यदि कोई बच्चा आज पैदा हुआ है तो उसके कम से कम 69 साल चार महीने जीवित रहने की सम्भावना है। जबकि यदि वैश्विक स्तर पर जीवन प्रत्याशा के औसत को देखें तो वो 72.8 वर्ष के करीब है। यह जानकारी सेन्सस और भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी एसआरएस-आधारित एब्रीज्ड लाइफ टेबल्स 2014-18 में सामने आई...
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विश्व स्वास्थ्य दिवस: एक साफ, स्वस्थ विश्व के निर्माण का संकल्प
-जनपथ, भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के पैमाने पर ‘‘जन स्वास्थ्य’’ एक जरूरी मसला है। सार्वजनिक जन स्वास्थ्य के बिना किसी भी व्यक्ति के लिए स्वस्थ और सुखी रहना नामुमकिन है। कोई व्यक्ति यदि महज धन सम्पत्ति के बदौलत यह सोचता है कि वह अच्छा स्वस्थ्य भी हासिल कर लेगा तो यह उसकी गलतफहमी है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) आज...
More »कोविड-19 का टीका लगने के बाद भी क्यों हो रहे स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित?
-कारवां, 14 मार्च को कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के एक महीने बाद 55 वर्षीय राजिंदर वर्मा फिर से कोविड संक्रमित हो गए. इससे दो दिन पहले वर्मा को बुखार, हल्की सर्दी और खांसी हुई थी. उन्होंने कहा, "मैं अब पहले जैसा युवा नहीं हूं इसलिए मैंने सोचा कि यह बस थकावट है और मौसम बदला है इसलिए ठंड लग गई है." लेकिन उनका तापमान बढ़कर 103 डिग्री हो गया और...
More »कोरोना काल में भारी मानसिक दबाव में रहे 20 फीसदी से ज्यादा स्वास्थ्य कार्यकर्ता
-डाउन टू अर्थ, कोरोना महामारी से लड़ते वक्त दुनिया भर के 20 फीसदी से ज्यादा स्वास्थ्य कार्यकर्ता भारी मानसिक दबाव में थे। यह जानकारी एक अंतराष्ट्रीय अध्ययन में सामने आई है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण है यह बात हर किसी को पता है। जिस बहादुरी के साथ उन्होंने इस महामारी के समय लोगों की मदद की है वो स्पष्ट करता है कि उन्हें कोरोना वारियर ऐसे ही नहीं कहा जाता।...
More »दिल्ली की हवा को जानलेवा बना रहे हैं ये खतरनाक तत्व
डाउन टू अर्थ, पोटेशियम, सिलिकॉन, एल्यूमीनियम, क्लोरीन और कैल्शियम जैसे तत्व दिल्ली की हवा को जानलेवा बना रहे हैं। यह जानकारी हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ सरे के ग्लोबल सेंटर फॉर क्लीन एयर रिसर्च (जीसीएआरई) द्वारा किए शोध में सामने आई है। जिसे यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम, नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली के सहयोग से किया गया है। दिल्ली की हवा में मौजूद हानिकारक तत्वों की उपस्थिति और...
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