गुजरात सरकार उन किताबों को राज्य के सभी प्राइमरी और हाइस्कूलों में पढ़ाने जा रही है, जिन्हें पिछले दो दशकों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं में बांटा जाता रहा है. अब तक ये किताबें ‘विद्या भारती-अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान' के स्कूलों में भी पढ़ाई जा रही थीं, लेकिन अब ये सरकारी स्कूलों में भी बांटी जायेंगी. इन पुस्तकों के लेखक आरएसएस के कार्यकर्ता दीनानाथ बत्र हैं. ये वही...
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गुजरात: 'संघ' की शिक्षा सरकारी स्कूलों में
गुजरात सरकार उन किताबों को राज्य के सभी प्राइमरी और हाई स्कूलों में पढ़ाने जा रही है जिन्हें पिछले दो दशकों से संघ की शाखाओं में बाँटा जाता रहा है. अब तक ये किताबें 'विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान' के स्कूलों में भी पढ़ाई जा रही थीं लेकिन अब ये सरकारी स्कूलों में भी बांटी जाएंगी. इन पुस्तकों के लेखक आरएसएस के कार्यकर्ता दीनानाथ बत्रा हैं. ये वही दीनानाथ बत्रा हैं...
More »खस्ताहाल स्कूली शिक्षा से संकट में छात्रों का भविष्य
इंदौर के पास स्थित देपालपुर में स्कूली शिक्षा के नाम पर सरकारी खानापूर्ति सामने आई है। इस विकासखंड में ऐसे कई स्कूल हैं, जो एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। यह खबर एक तरह से पूरे देश की निराशाजनक तस्वीर पेश करती है। 12 लाख शिक्षकों की कमी है देशभर में 50 प्रतिशत स्कूलों साफ पीने की सुविधा नहीं ...
More »इंदौर जिले के देपालपुर में एक शिक्षक के भरोसे कई सरकारी स्कूल
इंदौर। प्रदेश सरकार हर बच्चे को स्कूल तक लाने के लिए अभियान चलाती है और करोड़ों रुपए का फंड खर्च करती है। मगर जिले के गिरोता गांव में खुला शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल शिक्षा के प्रति सरकार की गंभीरता की पोल खोल देता है। यहां हाल ही में हायर सेकंडरी स्कूल तो खोल दिया गया,लेकिन स्टाफ भेजना ही भूल गए। स्कूल एक उच्च श्रेणी शिक्षक के भरोसे चल रहा है।...
More »142 स्कूलों में बच्चे नहीं, फिर भी लगे हैं टीचर
नईदुनिया ब्यूरो, जयपुर। राजस्थान में सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन और टीचरों की नियुक्ति के बारे में एक अजीब बात सामने आई है। प्रदेश के 142 प्राथमिक विद्यालय ऐसे है जहां एक भी बच्चा नहीं है, लेकिन 251 टीचर इन स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा 28 हजार प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की संख्या 30 से भी कम है। राज्य के सरकारी स्कूलों की...
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