इस बात का जोर-शोर से प्रचार किया जा रहा है कि युवाओं को अपने खुद के उद्यम (स्टार्ट-अप) खोलने चाहिए और सरकारी नीतियों का रुख अब स्टार्ट-अप की ओर ही रहेगा। क्या स्टार्ट-अप की राह पर चल कर हमारे देश में बड़े पैमाने पर व्याप्त बेरोजगारी की समस्या का समाधान किया जा सकता है? जवाब पाने के लिए इस मसले पर तफसील से निगाह डालनी होगी।मोटे अनुमान के मुताबिक आने...
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हरित क्रांति की जमीन पर किसानों की खुदकुशी-- संजीव शर्मा
पंजाब में पिछले एक दशक के दौरान हुई किसान आत्महत्या की घटनाओं ने सरकारी तंत्र पर हमेशा सवाल खडेÞ किए हैं। राज्य में भले ही सत्ता परिवर्तन हो गया है लेकिन किसानों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है। आज भी सूबे के किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। पंजाब में सत्ता परिवर्तन को करीब तीन माह हुए हैं और इन तीन महीनों के दौरान करीब 60 किसान मौत...
More »शिक्षा की परीक्षा-- जगमोहन सिंह राजपूत
देश की शिक्षा व्यवस्था की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सरकारी शैक्षणिक संस्थानों की साख लगातार गिरती जा रही है। जिस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही हैं वे बेहद चौंकाने वाली हैं। बिहार में 12वीं की परीक्षा में करीब 65 फीसदी विद्यार्थी फेल हो गये। क्यों फेल हो गए, क्योंकि वहां योग्य शिक्षकों का घोर अकाल हो गया है। संविदा शिक्षकों की...
More »स्कूली शिक्षा के उजले व स्याह पहलू-- हरिशंकर चतुर्वेदी
इन दिनों परीक्षाफल का मौसम है। हमारे देश में 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे खास महत्व रखते हैं, क्योंकि ये एक ओर स्कूली शिक्षा की दशा का एहसास कराते हैं, तो दूसरी ओर इनसे उच्च शिक्षा के भविष्य की पड़ताल की जा सकती है। 12वीं की परीक्षा संचालित करने के लिए देश में 53 अधिकृत बोर्ड हैं, जिनमें सीबीएसई को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष सीबीएसई का...
More »आधी आबादी के बिना कैसे पूरा हो विकास का सपना
गत महीने फेसबुक द्वारा किये एक सर्वे में यह बात सामने आयी कि भारत में हर पांच में से चार महिलाएं उद्यमी बनने की क्षमता रखती हैं, बशर्ते उनके सशक्तीकरण के प्रयास किये जायें. शोध के मुताबिक यदि अभी से शुरुआत की जाये, तो वर्तमान व्यवसाय और रोजगार के समस्त लक्ष्यों को सिर्फ 52 फीसदी महिलाओं के दम पर ही वर्ष 2021 तक ही पूरा किया जा सकता है. फिर...
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