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रूढ़िवादिता और संवैधानिक सुधार-- आकार पटेल

  साल 1948 में हिंदू कोड बिल का प्रस्ताव पेश करते हुए भीमराव आंबेडकर ने इस विधेयक के मुख्य मुद्दे के रूप में उत्तराधिकार को रेखांकित किया था. हिंदू उत्तराधिकार कानून दो परंपराओं से आया था, जिन्हें मिताक्षरा और दायभाग के रूप में जाना जाता है. मिताक्षरा के अनुसार, एक हिंदू पुरुष की संपत्ति उसकी नहीं होती है. इसका साझा स्वामित्व पिता, पुत्र, पौत्र और प्रपौत्र का होता है. इन सभी...

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चुनाव प्रचार के लिए नीति आयोग का पीएमओ को सूचनाएं देना आचार संहिता का उल्लंघन नहीं: चुनाव आयोग

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने रविवार को कहा कि नीति आयोग ने प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ जानकारी साझा करके चुनाव आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं किया. नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय पर सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए बीते 1 मई को कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. स्क्रॉल डॉट इन के अनुसार, उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने कहा कि...

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परीक्षा के अंक नहीं हैं जिंदगी का पैमाना- आशुतोष चतुर्वेदी

हाल में बिहार, झारखंड, सीबीएसइ और आइसीएससी बोर्ड के नतीजे आये हैं. साथ ही कई बच्चों के आत्महत्या करने की दुखद खबरें भी आयीं. ऐसी खबरें इसी साल आयीं हों, ऐसा नहीं हैं. ये खबरें साल-दर-साल आ रही हैं. दुर्भाग्य यह है कि अब ऐसी खबरें हमें ज्यादा विचलित नहीं करती हैं. कुछ दिन चर्चा होकर बात खत्म हो जाती है. गंभीर होती जा रही इस समस्या का कोई...

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सीजेआई गोगोई को क्लीनचिट देने वाली रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए: पूर्व सूचना आयुक्त

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न मामले में क्लीनचिट देने वाली आंतरिक समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए. उन्होंने कहा कि आंतरिक जांच समिति द्वारा लिए गए निर्णय को सार्वजनिक न करने का कोई कारण या कानून आधार नहीं है. आचार्युलु ने कहा, ‘इस देश के लोगों को सूचित किया जाता है कि तीन न्यायाधीशों...

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पुलिस का सबसे मुश्किल इम्तिहान- विभूति नारायण राय

वर्ष 1977 की शुरुआत। देश में सनसनी और उत्तेजना की बयार बह रही थी। किसी बडे़ अंधड़ की तरह आपातकाल देश को झिझोड़ता-झकझोरता गुजर चुका था और हम सभी विनाश की दृश्य और अदृश्य स्मृतियों को बुहारने में लगे थे। इसी समय देश का वह चुनाव हुआ, जिसने भारतीय समाज और राजनीति का परिदृश्य लंबे समय के लिए बदल दिया। यह वर्ष मेरे अनुभव संसार में भी बहुत कुछ जोड़ने...

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