मुबंई. सिंचाई विभाग में 35 हजार करोड़ रुपए के कथित घोटाले के बारे में राज्यपाल के. शंकरनारायणन के निर्देशों को राज्य सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को पांच महीने पहले जांच के लिए पत्र लिखा था पर अब तक सरकार की ओर से इस बारे में कोई पहल नहीं की गई। जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर रहे विजय पांढरे ने करीब छह...
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सूखे में भी मांग से आधी मिली राशि
मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता : सूखे की इस भयावह स्थिति में किसानों को लघु सिंचाई से जगी उम्मीदों को करारा झटका लगा है। इसकी वजह सरकार से लघु जल संसाधन विभाग से मांगी गई राशि से आधी प्राप्त होना है। विभाग ने सरकार को 28 करोड़ की कार्ययोजना भेजी थी। इसमें मात्र 13 करोड़ का आवंटन हुआ है। लघु जल संसाधन विभाग की तिरहुत प्रमंडल में दो प्रकार की ...
More »विस्थापन के जरिये विकास नहीं चाहिए- रोमा
आखिरकार प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण कानून को संसद के इस मानसून सत्र में भी टालना ही पड़ा। विवादों में घिरे होने की वजह से सरकार द्वारा इसे मंत्री समूह को सौंप दिया गया है। चूंकि अभी केंद्र सरकार अपने दामन पर लगी कालिख पोंछने में लगी है, इसलिए यह खबर सुर्खियों में नहीं है। इसी विवादास्पद कानून के खिलाफ पिछले महीने ‘संघर्ष’ के बैनर तले हजारों लोगों ने जंतर-मंतर पर धरना...
More »जल सत्याग्रहः जान दे देंगे, अपना गांव नहीं छोड़ेंगे
भोपाल/हरदा।इंदिरा सागर बांध में 260 मीटर के ऊपर पानी भरने के विरोध में नर्मदा तटीय इलाके के गांवों में जल सत्याग्रह का बिगुल बज गया है। नर्मदा बचाओ आंदोलन और डूब प्रभावित लोगों का कहना है कि बांध का जलस्तर 260 मीटर से नीचे लाया जाए। उनका तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार डूब लाने के छह माह पहले संपूर्ण पुनर्वास होना जरूरी है। गांव वाले पिछले एक हफ्ते...
More »झुकी सरकार, जलसत्याग्रहियों को जमीन के बदले जमीन
भोपाल : ओंकारेश्वर बांध के विस्थापितों की मांग राज्य सरकार ने मान ली है और मुख्यमंत्री ने यह आश्वासन दिया है कि विस्थापितों को जमीन के बदले जमीन ही दी जायेगी. उन्होंने कहा कि 90 दिन में पूरा विवाद खत्म कर दिया जायेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपील की है कि जलसत्याग्रही अपना आंदोलन खत्म करें और पानी से बाहर निकल आयें. उन्होंने खंडवा में पांच सदस्यों की एक कमेटी...
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