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कर्ज से परेशान एक और किसान ने की खुदकुशी

राजनांदगांव। कर्ज से परेशान छुईखदान ब्लॉक के ग्राम झूरानदी के किसान कृपाराम उर्फ टहलू जंघेल (48) ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात की है। रविवार सुबह परिजन ने किसान का शव फांसी पर लटका हुआ देखा। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पेड़ से उतारा। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिवार वालों को सौंप दिया गया। परिजनों का कहना है कि कृपाराम ने फसल की बोआई...

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बड़े बांध का बड़ा विरोध-- नवीन जोशी

कई तकनीकी एवं कानूनी रुकावटों और लंबे जन-आंदोलनों के बावजूद सरदार सरोवर बांध अंतत: अपनी पूरी ऊंचाई के साथ हकीकत बन गया. मगर ‘एक आदिवासी के विस्थापन की तुलना में सात आदिवासियों को लाभ पहुंचाने' के दावे वाले, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इस बांध के उद्घाटन के साथ बड़े बांधों के व्यापक नुकसान की चर्चा थम नहीं गयी है.    बड़े बांधों के खिलाफ आवाज बुलंद करनेवालों के तेवर और...

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महिलाओं की कंपनी ‘साथी’ ने केले के फाइबर से बनाया ‘सैनेटरी पैड’-- रजनीश आनंद

केला स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से तो एक फायदेमंद फल है, इस बात से तो हम सब वाकिफ हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि केले के पेड़ से सेनेटरी नैपकिन भी बन सकता हैं? अगर आप नहीं जानते तो यह जानकारी आपके लिए बहुत फायदेमंद है. अहमदाबाद की एक कंपनी ‘साथी' ने माहवारी स्वच्छता के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन के लिए एक सौ प्रतिशत ‘बायोडिग्रेडेबल' नैपकिन बनाने की...

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खुले में शौच : 43 परिवारों पर 10 लाख से अधिक का जुर्माना

बैतूल। बार-बार कहने के बाद भी लोगों ने शौचालय नहीं बनाए और खुले में शौच जाना नहीं छोड़ा तो रंभाखेड़ी ग्राम पंचायत ने 43 परिवारों पर 10 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना ठोंक दिया है। ग्रामीणों को नोटिस जारी करते हुए तीन दिन में जुर्माने की राशि जमा करने के लिए कहा गया है। इसमें एक परिवार पर सबसे ज्यादा 75 हजार रुपए का जुर्माना किया गया है। यह परिवार...

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सरदार सरोवर : गांव जाते और विस्थापन की बात किए बगैर ही लौट आते थे

रुमनी घोष, इंदौर। 'बांध बनाना जितना मुश्किल था, उससे ज्यादा मुश्किल काम हमारा था। इंजीनियर्स के पास फॉर्मूला था, लेकिन लोगों से उनका ही घर खाली करवाने के लिए हम कौन सा फॉॅर्मूला लगाते। आलम यह था कि 16-17 किमी पैदल, कई जगह नाव से नर्मदा पार कर गांव पहुंचते। दो-तीन दिन रुकते और विस्थापन की बात किए बगैर ही लौट आते। यह सिलसिला ढाई से तीन साल तक चलता...

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