जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : खाद्य मंत्री बाबूलाल नागर ने कहा है कि विभाग की योजनाओं से गरीबों को लाभान्वित करने में संवेदनशीलता से भूमिका निभाते हुए समाज के कमजोर एवं पात्र व्यक्ति एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सामग्री की पहुंच सुनिश्चित की जाए। नागर शनिवार को यहां इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में राजस्थान खाद्य, नागरिक आपूर्ति सेवा समिति के प्रांतीय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सामग्री...
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निर्भर नहीं, आत्मनिर्भर !- मिहिर शाह
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) क्रांतिकारी जनपक्षधर विकास कार्यक्रमों का वायदा करती है। ग्राम सभा और ग्राम पंचायतों द्वारा उसकी योजना, क्रियान्वयन और जांच-परख से हजारों स्थायी रोजगार पैदा हो सकते हैं। लेकिन नरेगा की लड़ाई बरसों से चले आ रहे एक बुरे अतीत के साथ है। पिछले साठ सालों से ग्रामीण विकास की योजनाएं राज्य की इच्छा और सदाशयता पर ही निर्भर रही हैं। श्रमिकों को दरकिनार करने वाली मशीनों और ठेकेदारों को काम...
More »एससी,एसटी कल्याण पर खर्च होंगे 24 करोड़
जयपुर, जासंकें : राज्य में अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य कमजोर वर्गो के उत्थान के लिए राजस्थान अनुसूचित जाति, जनजाति वित्ता एवं विकास सहकारी निगम लि. द्वारा चालू वित्ता वर्ष में 24 करोड़ की राशि विभिन्न जिलों को उपलब्ध कराई गई है। इस राशि का उपयोग अनुसूचित जाति व जनजाति के कल्याण पर जिला परियोजना प्रबंधक कार्यालयों एवं कार्यकारी एजेंसियों के माध्यम से किया जा रहा है। यह जानकारी आज यहां सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता...
More »डाक सेवक बना रहे हैं राष्ट्रीय सूचकांक
श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के चुनिंदा गांवों में डाक कर्मचारियों ने अब खेतों और दुकानों से खाद्य और अखाद्य वस्तुओं के भाव एकत्रित करना आरंभ कर दिया है। पिछले तीन माह से क्रम लगातार जारी है। देश के अन्य हिस्सों की तरह यहां से भेजे जाने वाले आंकड़ों से केंद्र सरकार के राष्ट्रीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की गणना की जाती है। केंद्र सरकार ने गांवों-कस्बों में उत्पादों के असल मूल्य जानने और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तैयार...
More »नरेगा के जमीनी समीकरण- सामाजिक अंकेक्षण और सरपंच
सुख अकेले टहलते हैं,दुःख झुंड बनाकर रहते हैं।सुख चेहरे से छलकता है,दुःख चेहरे पर जमा रहता है।सुखों के लिए चौराहे होते हैं और दुःखों के लिए वह कोना जहां किसी की गुजर ही नहीं। गुलाबी नगरी जयपुर में गुजरे 15 दिसंबर को स्टेशन से लगते जीपीओ के पास बने शहीद स्मारक के घेरे में आलम कुछ ऐसा ही था। कुल 1 हजार की तादाद में पगड़ियां थीं और उनका रंग मटमैलेपन के बीच पूरी शान...
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