हाल के कुछ महीनों के दौरान मैंने यूरोप की संभावनाओं के बारे में कई आशावादी मूल्यांकन देखे। आश्चर्यजनक रूप से इनमें से कोई भी मूल्यांकन यह बता पाने में असमर्थ था कि यूरो संकट के हल के लिए जर्मनी ने जो फॉरमूला दिया है, उसकी सफलता की कोई संभावना है भी या नहीं। इसके विपरीत ये मूल्यांकन यूरो की विफलता की उस आशंका को ही अधिक व्यक्त करते दिख रहे...
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‘गन्ने का रस बेचने वालों के लिए लाइसेंस जरूरी हो’
जनसत्ता संवाददाता नई दिल्ली, 29 जून। बिना लाइसेंस के गन्ने का रस बेचने वाले रेहड़ी पटरी वालों के चालान काटने वाले स्वास्थ्य निरीक्षक कहते हैं कि उन्हें आयुक्त ने सौ चालान काटने का फरमान जारी किया है। वे फाईल चार्ज के नाम पर ढाई हजार रुपए अलग से लेते हैं। इस गोरखधंधे के पीछे कौन लोग हैं जो दुकानदारों की एक नहीं सुनते? यह बात पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थाई...
More »उत्तर प्रदेश में लगेंगे आलू आधारित उद्योग
सरकार ने आलू किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए प्रदेश में आलू आधारित उद्योग लगवाने की पहल शुरू की है। सरकार की कोशिश है कि उ.प्र. में हो रहे 30 से 40 लाख टन अतिरिक्त आलू को उद्योगों में खपाया जा सके। जिससे बाजार में इसका दाम स्थिर रहे और किसानों को नुकसान न उठाना पडे़। इस सिलसिले में कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक रंजन ने बड़े व...
More »दिल्लीः अब पानी के निजीकरण की तैयारी
अगर बिजली के निजीकरण का कांग्रेस पार्टी में विरोध नहीं हुआ होता तो पानी का निजीकरण मुख्यमंत्री शीला दीक्षित अपने दूसरे कार्यकाल के शुरू में ही कर देतीं। उन्होंने चौबीसो घंटे पानी उपलब्ध करवाने के नाम पर कार्ययोजना भी शुरू करवा दी थी। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के तर्ज पर दिल्ली जल बोर्ड के लिए नियामक आयोग के गठन की भी घोषणा कर दी थी। उन्होंने सितंबर 2005 में...
More »इक्कीसवीं सदी की बाधा दौड़- सुभाष गताड़े
महाराष्ट्र के नागपुर क्षेत्र में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ी जातियों से आने वाले दस हजार से अधिक छात्र सरकार के समाज कल्याण महकमे की आपराधिक लापरवाही के चलते क्या प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में इस साल प्रवेश नहीं ले सकेंगे? और शासकीय कॉलेजों में उनके प्रवेश को महज इसी वजह से रोका जाएगा, क्योंकि उनके पास जाति वैधता प्रमाणपत्र नहीं हैं, जबकि इन तमाम छात्रों ने सालभर पहले ही आवेदन...
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