मुंबई। देश में इस साल सितंबर के दौरान डेबिट और क्रेडिट कार्डों के जरिये लेनदेन या भुगतान 84 फीसद उछलकर 74,090 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सितंबर, 2016 में यह आंकड़ा 40,130 करोड़ रुपये था। यूरोपीय भुगतान समाधान प्रदाता वर्ल्डलाइन के अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। इस अध्ययन में कहा गया है कि सरकार की ओर से गैर नकदी लेनदेन को प्रोत्साहित करने की वजह से काडोर् के माध्यम...
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परदेसी मीडिया का पूर्वाग्रह-- तवलीन सिंह
पिछले सप्ताह न्यूयार्क टाइम्स में एक लेख छपा था, जिसे पढ़ कर कई भारतीयों का खून खौलने लगा। मेरा भी। इसलिए कि इतना बकवास लेख में मैंने पहली बार पढ़ा होगा। लेखक भारतीय मूल का था शायद, लेकिन इतना भी नहीं जानता था कि हर हर महादेव का मतलब यह नहीं है कि हम सब शिव हैं। यही एक गलती होती इस लेख में तो उस पर लिखने की जरूरत...
More »भूकम्प पूर्वानुमान अब भी चुनौती-- अभिषेक कुमार
ईरान-इराक सीमा पर कुर्द-बहुल इलाके में हाल में 7.3 तीव्रता के भूकम्प में गई सवा सौ से ज्यादा जानें अपने पीछे यह सवाल फिर छोड़ गई हैं कि क्या इसकी आहट की कोई सूचना पहले से नहीं मिल सकती! यह सवाल ज्यादा चर्चा में इसलिए है कि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में भूकम्प की भविष्यवाणी को लेकर काफी हलचल है। इसका प्रमुख आधार कलायिल नामक एक भारतीय व्यक्ति की भविष्यवाणी...
More »धुंध के लिए सिर्फ किसान जिम्मेवार नहीं-- संजीव पांडेय
पूरे उत्तर भारत को घनी धुंध ने घेर रखा है और इसने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। इसकी चपेट में पड़ोसी पाकिस्तान भी है। गांव के मुकाबले शहरों में रहने वालों की मुश्किलें ज्यादा बढ़ी हैं। सड़कों पर निकलना मुश्किल है। रेलगाड़ियां घंटों विलंब से चल रही हैं। दूसरी तरफ दिल्ली से उत्तर भारत के कई राज्यों की तरफ जाने वाली सड़कों पर कई बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी...
More »जाति जनगणना का क्या हुआ --- दिलीप मंडल
जातिवार जनगणना की मृत्यु हो चुकी है और बिना किसी रुदाली के उसे दफना भी दिया गया है। इसकी कब्र पर अब रोने वाला भी कोई नहीं है। यह सब बेहद चुपचाप हुआ। 2017 के जुलाई महीने की छब्बीस तारीख को दिल्ली में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई। समिति की इस बैठक में फैसला किया गया कि सामाजिक-आर्थिक और...
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