कुमारखंड, मधेपुरा, निप्र : बडे़ बच्चों को सरकार ने भले ही पढ़ाई करने के लिए सुबह का समय निर्धारित कर दिया हो लेकिन छोटे बच्चों को कड़ी धूप में पढ़ने के लिए बुलाना उन्हें सजा देने के समान अभिभावकों को लग रहा है। मामला आंगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले तीन से वर्ष के बच्चों का है। जिन्हें केंद्रों पर पढ़ने के लिए पूर्वाह्न नौ बजे जाना पड़ता है। इस दौरान बच्चा...
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एक बालिका वधू की दास्तान- जाहिद खान
हमारे देश में हर साल अक्षय तृतीया यानी तीज के दिन हजारों नाबालिग लड़कियां शादी के मंडप में पहुंचा दी जाती हैं। इन लड़कियों के मां-बाप उनकी मर्जी को जाने बिना उन्हें जबरन शादी के बंधन में बांध देते हैं। कई मामलों में इसकी सजा ये लड़कियां पूरी उम्र भुगतने को बाध्य होती हैं। बाल विवाह न केवल उनकी जिंदगी के लिए अभिशाप बन जाता है, बल्कि हमारे समाज के...
More »गरीब नहीं ले पा रहे स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ
नई दिल्ली. समाज के कमजोर वर्गों के लिए बनाई स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ गरीबों तक नहीं पहुंच पा रहा है। दिल्ली सरकार ने गरीबों के उपचार के लिए एक आरोग्य कोष बनाया है। इस कोष में सरकार ने शुरू में 110 करोड़ रुपए लगाए हैं। हालांकि अभी तक मात्र 30 व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सके हैं। इन मरीजों के उपचार पर आरोग्य कोष में से २६.३२ लाख रुपए दिए...
More »टैक्स से बचने को 1540 शिक्षक बन गए कैंसर रोगी
बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में तैनात कुछ शिक्षकों ने टैक्स बचाने के फेर में बड़ा फर्जीवाड़ा कर डाला। दस-बीस नहीं, अब तक 1540 ऐसे शिक्षक चिन्हित किए गए हैं जिन्होंने खुद को या पत्नी को गंभीर कैंसर रोगी बता दिया और इलाज के नाम पर टैक्स में छूट का दावा किया। दो सौ से अधिक शिक्षकों ने पत्नी को विकलांग बता दिया और उसके लंबे इलाज के नाम पर...
More »खसरे के मामलों की होगी खोज
फरीदाबाद। स्वास्थ्य विभाग, प्रदेश में 2010 के बाद सामने आए खसरे के मामलों की खोज करेगा। इसके लिए प्रदेश में एक सर्वे भी किया जाएगा। पूरे भारत में प्रतिवर्ष 70-80 हजार बच्चे खसरे की बीमारी से मौत के मुंह में समां जाते हैं। केंद्र सरकार ने वर्ष 2010 में भारत में खसरे की बीमारी से बच्चाें को बचाने के लिए एक अभियान की शुरूआत की थी, जिसके तहत 10 वर्ष...
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