नोयडा। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की शुरुआती रिपोर्ट में यूपी पुलिस को दोषी पाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी पुलिस ने संघर्ष के दौरान किसानो और महिलाओं के साथ ज्यादती की थी।गौरतलब है कि भट्टा पारसौल गांव में मंगलवार को मानवाधिकार आयोग की ६ सदस्यीय टीम पहुंची और ग्रामीणों से गहनता से जांच पड़ताल की थी। टीम ने धरना स्थल और बिटोरों की राख का मुआयना करने के बाद...
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मानवाधिकार संगठन की नई रिपोर्ट - किसान-आत्महत्या के कुछ अनदेखे पहलू
क्या सरकारी प्रयासों के बावजूद किसानों की आत्महत्या के ना थमने वाले सिलसिले का एक पहलू दलित और महिला अधिकारों की अनदेखी से भी जुड़ता है। सेंटर फॉर ह्यूमन राइटस् एंड ग्लोबल जस्टिस(सीएचआरजीजे) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट की मानें तो- हां। सीएचआरजीजे और द इंटरनेशनल ह्यूमन राइटस् क्लीनिक की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई है कि खेतिहर संकट से जूझ रहे भारत में किसानों की आत्महत्या की...
More »राजद्रोह कानून और एएफ़एसपीए रद्द हों : बिनायक सेन
कल्याणी ( पश्चिम बंगाल ) : मानवाधिकार कार्यकर्ता बिनायक सेन ने आज राजद्रोह कानून और सशस्त्रबल विशेष अधिकार अधिनियम को रद्द करने की मांग की. यहां एक समारोह में सेन ने कहा ‘‘बडी संख्या में मानवाधिकार संगठनों ने राजद्रोह कानून और गैर कानूनी गतिविधियां निरोधक अधिनियम यूएपीए के खिलाफ़ हाथ मिला लिया है.’’ उन्होंने कहा कि राजद्रोह कानून के खिलाफ़ एक करोड लोगों के हस्ताक्षर मानवाधिकर संगठन ने एकत्र किए हैं और इन्हें...
More »काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करें: बाबा रामदेव
यवतमाल. देश की जनता दरिद्रता, बीमारी, भूख, कुपोषण से पीड़ित है। सभी तरह से बेहाल है फिर भी देश के नेताओं ने जनता को चूस-चूसकर भ्रष्टाचार के माध्यम से थोड़ा नहीं बल्कि 4 लाख करोड़ रु. का काला धन विदेशी बैंक में जमा कर रखा है। इस काला धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित कर देश में लाना जरूरी है। इस राष्ट्रीय संपत्ति का उपयोग करने से देश सिर्फ बलवान ही नहीं...
More »असंगति का संगीत- रोहिणी मोहन
कुछ मामलों में एक जैसे और ज्यादातर मामलों में एक-दूसरे से जुदा शांति और प्रशांत भूषण के छुए-अनछुए पहलुओं की पड़ताल करती रोहिणी मोहन की रिपोर्ट मई, 1995 की एक दोपहर को सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु ठक्कर अपने वकीलों प्रशांत और शांति भूषण के साथ सर्वोच्च न्यायालय में बैठे हुए थे. उनसे जरा-सी दूरी पर मुख्य न्यायाधीश एएस आनंद एक ऐसा फैसला सुना रहे थे जो पूर्वी गुजरात के कम से कम...
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