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वर्ल्ड प्रीमेच्योरिटी डे : देश में जन्म लेनेवाला हर तीसरा बच्चा है प्रीमेच्‍योर

भारत समेत दुनिया के अनेक विकासशील देशों में शिशुओं की दशा खराब है. हालांकि इसके अनेक कारण हैं, लेकिन प्रीमेच्योर यानी समयपूर्व जन्म होना शिशुओं की सेहत के लिए एक बड़ा खतरा है. इसके खतरों के प्रति आगाह करने और उससे बचाव के प्रति लोगों में जागरूकता कायम करने के मकसद से दुनियाभर में 17 नवंबर को ‘वर्ल्ड प्रीमेच्योरिटी डे' का आयोजन किया जाता है. इस मौके पर आज के...

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सीबीएसइ अगले सत्र से दोबारा शुरू करेगा दसवीं में बोर्ड परीक्षा

जयपुर/ नयी दिल्ली: सीबीएसइ में अगले सत्र यानी 2017-18 से फिर से दसवीं की बोर्ड परीक्षा होगी. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को इसका एलान किया. इस एलान के साथ ही अब साल 2018 में दसवीं की बोर्ड परीक्षा होगी. इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में पाचवीं व आठवीं की परीक्षा प्रारंभ होगी. संसद सत्र में सरकार विधेयक लाकर राज्यों को यह अधिकार देगी. वर्ष 2010 में बोर्ड...

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झारखंड: रोजगार सृजन के जरिये पलायन रोकना सबसे बड़ी चुनौती

प्रकृति ने झारखंड को भरपूर सौंदर्य और संपत्ति का उपहार दिया है. निवासियों की सांस्कृतिक विविधता इस राज्य को अप्रतिम बनाती है. उर्वर धरती, नदी और वन से मालामाल झारखंड के पास देश की 40 फीसदी खनिज संपदा का स्वामित्व है, पर मूल्य के आधार पर पूरे देश के खनिज उत्पादन का 10 फीसदी ही राज्य के हिस्से में है. धनी राज्य की जनता गरीब है. वर्ष 2000 में बिहार...

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झारखंड की संभावनाओं भरी राह-- अलख नारायण शर्मा

एक राज्य के तौर पर झारखंड ने सोलह साल का सफर तय कर लिया है. इस दौरान एक अलग राज्य के तौर पर झारखंड ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है. लेकिन, नये राज्य के बनने के बाद से झारखंड से जैसी उम्मीद की जा रही थी, वैसा कुछ हो नहीं हो पाया. फिर भी यह कहना गलत नहीं होगा कि इस दौरान राज्य कई मामले में आगे बढ़ा है....

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समृद्ध झारखंड का जनस्वप्न --- अनंत कुमार

राजनेताओं ने यह सोचा था कि शासन में स्थानीय आदिवासियों की सहभागिता झारखंड का विकास सुनिश्चित करेगी. दुर्भाग्यवश, खनिजों, वनों तथा प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न झारखंड भ्रष्टाचार, विकास की कमी, नक्सलवाद, राजनीतिक अस्थिरता, कुशासन, आदिवासियों के शोषण के साथ कुछ अन्य सामाजिक तथा राजनीतिक समस्याओं का शिकार हो गया. दूसरी ओर, राजनीतिक नेतृत्व, सिविल सोसाइटी तथा अकादमिक क्षेत्र राज्य के विकास की एक प्रभावी योजना तैयार नहीं कर सका. इस स्थिति...

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