भारत की हजारों वर्षों की जिस संपन्नता की बात की जाती है, वह मुख्यतया किसानों, शिल्पियों और व्यापारियों पर टिकी थी। राजकोष में आने वाले धन का सबसे बड़ा हिस्सा किसानों से प्राप्त होता था। मनु-स्मृति, विष्णुधर्मसूत्र, गौतमधर्मसूत्र आदि में स्पष्ट व्यवस्था है कि सामान्यतया राज्य कृषि उत्पादन का बारहवां अंश लेगा। अगर कोई विशेष संकट उपस्थित हो तो आठवां या छठा अंश भी मांगा जा सकता है। कभी-कभार ही...
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खुद बनायें गांवों की खुशहाली की योजना
पिछले महीने भारत सरकार ने पंचायतों के लिए निर्देश जारी किया है कि वे जनवरी और फरवरी महीने के दरम्यान अपने गांवों में आर्थिक कल्याण के मसले पर एक ग्राम सभा जरूर करें. इस निर्देश में जिक्र है कि इस मौके पर कृषि, पशुपालन, मनरेगा, आजीविका मिशन, बागवानी, मत्स्य पालन, बीआरजीएफ, जलछाजन, मृदा संरक्षण, सिंचाई, विद्युतीकरण, हथकरघा, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंसकरण, लघु एवं सूक्ष्म उद्यम आदि के अधिकारी ग्राम सभा में जरूर...
More »लाख की खेती बदल रही है इन महिलाओं की ज़िंदग़ी- नीरज सिन्हा
गीता देवी ठेठ गंवई महिला हैं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। कच्चा और खपरैल वाला मकान। खेती भी जीने लायक नहीं। लेकिन उन्होंने अपनी तंगहाली को दूर करने का रास्ता निकाला और लाह की खेती के गुर सीखे। स्थानीय भाषा में लाह कहा जाता है मगर प्रचलित भाषा में वह लाख है। कुछ दिनों तक फाका काटा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। वह इसमें रमती चली गईं। नतीजा सामने था।...
More »लाख की खेती बदल रही है इन महिलाओं की ज़िंदग़ी- नीरज सिन्हा
गीता देवी ठेठ गंवई महिला हैं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। कच्चा और खपरैल वाला मकान। खेती भी जीने लायक नहीं। लेकिन उन्होंने अपनी तंगहाली को दूर करने का रास्ता निकाला और लाह की खेती के गुर सीखे। स्थानीय भाषा में लाह कहा जाता है मगर प्रचलित भाषा में वह लाख है। कुछ दिनों तक फाका काटा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। वह इसमें रमती चली गईं। नतीजा सामने था।...
More »खेतिहर मजदूरों की संख्या घटने का अर्थ
वर्ष 2001 की जनगणना के मुताबिक देश के 58.2 फीसदी कामगार कृषि एवं संबंधित क्षेत्र से अपनी जीविका चला रहे थे. इस तसवीर का दूसरा पहलू यह है कि पिछले दो दशकों में भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी लगातार कम हुई है. 2012-13 के आर्थिक सर्वेक्षण में यह आंकड़ा 14.1 प्रतिशत था. दोनों आंकड़ों की तुलना करें, तो यह एहसास होगा कि कृषि अब फायदे...
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