दु निया के सौ से ज्यादा देशों में इलाज की सुविधाएं ही भारत से बेहतर नहीं हैं, बल्कि आबादी के अनुपात में डाॅक्टर और अस्पतालों में बेड भी भारत में सबसे कम है. दूसरी ओर भारत के छात्र सबसे ज्यादा तादाद में दुनिया के 12 विकसित देशों में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं. स्वास्थ्य सेवा सलीके से चले और बीमारी ना फैले इसके लिए औसतन जितना बड़ा...
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चिंताजनक है बढ़ती शिक्षित बेरोजगारी-- रामदत्त त्रिपाठी
उत्तर प्रदेश के नौजवानों ने पहली बार सत्ता के मुख्य केंद्र राज्य सचिवालय को झकझोर दिया है। पीएच. डी., पोस्ट ग्रेजुएट, इंजीनियरिंग और एमबीए डिग्री धारक समेत करीब तेईस लाख युवक-युवतियों ने चपरासी के चार सौ से कम पदों के लिए फॉर्म भरा है, जिसके लिए सरकारी तौर पर मात्र पांचवीं पास की योग्यता निर्धारित है। सरकार का माथा चकरा रहा है कि चयन की कौन-सी प्रक्रिया अपनाई जाए? इससे...
More »पावर सेक्टर की हालत खराब, 24 घंटे बिजली देने में ये हैं अड़चनें
नई दिल्ली। पावर सेक्टर की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है, जबकि सरकार का वादा है कि वर्ष 2022 तक सभी को 24 घंटे बिजली दी जाएगी। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कमान संभाली है और बिजली कंपनियों और राज्य सरकारों से बातचीत शुरू की है। लेकिन अब तक की सरकार की कवायद को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि कई ऐसी अड़चनें हैं, जिसका समाधान...
More »ADR रिपोर्ट: चुनाव खर्च पर कौन बोल रहा है झूठ? पॉलिटिकल पार्टियां या सांसद
नई दिल्ली. देश की पॉलिटिकल पार्टियां और सांसद दोनों ही देश को गुमराह कर रहे हैं। चुनाव खर्च संबंधी डिटेल को देखे तो पता चलता है कि लगभग सभी पार्टियां और उनके सांसदों ने इलेक्शन कमीशन को गलत जानकारी दी है। यह खुलासा बुधवार को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने किया है। 2014 के चुनाव में खर्च हुई राशि से यह सच्चाई सामने आई है। इसमें भाजपा, कांग्रेस, एनसीपी,...
More »कृष्णा का गोदावरी से आज होगा मिलन- मिथिलेश झा
नदियों के तट पर सभ्यताएं तो विकसित होती ही हैं, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था वहां की नदी और उसमें उपलब्ध के उचित प्रबंधन पर ही निर्भर होती है. खासकर भारत जैसे देश में जब मॉनसून दगा दे जाये, तो नदियों और नहरों का पानी ही किसानों का सहारा होता है. प्रकृति ने भारत को विशाल नदियों की नेमत बख्शी है. इसमें बड़ी से छोटी नदियां तक शामिल हैं. कई...
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