नौवें दशक के बाद से भारतीय राजनीति में दलित दलों और दलित नेताओं की स्वतंत्र पहचान बनी है और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में उन्हें सत्ता में हिस्सेदारी का सीधा मौका भी मिला है। पर अब इस प्रश्न पर विचार करने की जरूरत है कि इस पूरे राजनीतिक परिदृश्य को हम किस तरह देख सकते हैं। क्या इसे स्वातंत्र्योत्तर भारत में लोकतंत्र की एक महान उपलब्धि के रूप में...
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'प्रभु' से सवाल - 'जननी' की सेवा में 'जनक' को क्यों भूल गए...?
रेलवे से एक ख़बर आई है - अब 'जननी सेवा' के तहत चुनिंदा ट्रेनों और स्टेशनों पर बच्चों के लिए दूध, गर्म पानी, बेबी फूड वगैरह उपलब्ध कराया जाएगा... इस ख़बर को इस संदर्भ में देखा जा रहा है कि इससे छोटे बच्चों को साथ लेकर चलने वालों के लिए ट्रेन का सफर आसान हो जाएगा... ख़बर अच्छी है भी, लेकिन मेरे नज़रिये से 'प्रभु' के इस तोहफे में थोड़े-से...
More »आत्महत्या करने वालों की जाति और धर्म के आधार पर गणना, सामने आये ये आंकड़े
गृह मंत्रालय के अनुसार, एक हिन्दू के मुकाबले किसी ईसाई के आत्महत्या करने की संभावना डेढ़ गुना ज्यादा है। जबकि देश की विभिन्न जातियों में से आदिवासी और दलित सबसे ज्यादा आत्महत्या करते हैं। एक आरटीआई के जवाब में यह खुलासा हुआ है कि गृह मंत्रालय ने आत्महत्याओं की जाति और धर्म के आधार पर अलग गणना कराई थी। 2014 में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने पहली बार आत्महत्याओं का...
More »पिछड़ा कहलाने की होड़ क्यों?--- अनुपम त्रिवेदी
पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न भागों में आरक्षण की मांग लगातार उठ रही है. परंपरागत रूप से समृद्ध समझे जानेवाले वर्ग भी आज पिछड़ा कहलाने की होड़ में हैं. हरियाणा के समृद्ध जाट, दुनिया के हर हिस्से में फैले गुजरात के मेहनतकश पटेल, कभी जमींदार रहे आंध्र प्रदेश के कप्पू , गौरवशाली अतीत वाले मराठा और कभी राजसी ठाठ-बाट के मालिक रहे उत्तर प्रदेश और राजस्थान के...
More »राजस्थान में गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की प्रक्रिया तेज
जयपुर। गुजरात के बाद राजस्थान में भी गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ देने की प्रक्रिया तेज हो गई है। विधानसभा गरीब सवर्णों को 14 फीसद आरक्षण देने का विधेयक पहले ही पारित कर चुकी है, लेकिन आरक्षण का लाभ देने की प्रक्रिया काफी धीमी चल रही थी। अब सरकार ने आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग को चार माह में अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। उम्मीद की जा रही है कि...
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