SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 752

वायनाड के आदिवासी छात्रों ने शिक्षा में संस्थागत भेदभाव के खिलाफ उठाई आवाज

-कारवां, केरल का आदिवासी समुदाय हमेशा से ही माध्यमिक और उच्च शिक्षा के मामले में बड़े नुकसान में रहा है और कोविड-19 महामारी के समय में आदिवासी छात्रों के सामने आने वाली मुश्किलें बढ़ गई हैं. केरल में स्कूलों और कॉलेजों ने डिजिटल क्लास लेनी शुरू की है लेकिन अक्सर आदिवासी और दलित छात्रों के लिए इस रूप में पढ़ाई कर सकना लगभग असंभव है. समाज के हाशिए पर रहने वाले...

More »

भारत में न्याय अब एक ऐसा शब्द है जो अपना मतलब खोता जा रहा है

-सत्याग्रह, साल 2000 में अपने एक व्याख्यान में चर्चित अर्थशास्त्री टीएन श्रीनिवासन ने कहा था कि ‘भारत में अगर कोई गरीब है तो इसकी ज्यादा संभावना है कि वह किसी ग्रामीण इलाके में रह रहा होगा, अनुसूचित जाति या जनजाति या फिर सामाजिक रूप से पिछले वर्ग से ताल्लुक रखता होगा, कुपोषित, बीमार या फिर कमजोर स्वास्थ्य वाला होगा, अनपढ़ या फिर कम पढ़ा-लिखा होगा और कुछ खास राज्यों (जैसे बिहार,...

More »

बाबरी मस्जिद विध्वंस केस: सुप्रीम कोर्ट और जस्टिस लिब्रहान को जो दिखा वो सीबीआई कोर्ट न देख पाई?

-बीबीसी, छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस कुछ अराजक तत्वों के अचानक हमले का नतीजा था या सुनियोजित और संगठित प्रयास का परिणाम? इतिहास में यह सवाल हमेशा पूछा जाएगा. वेदों में कहा गया है कि सत्य का मुख सोने के पात्र से ढका हुआ होता है. सत्य की खोज श्रमसाध्य और अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है. सत्य अलग-अलग कोण से अलग दिखता है और देखने वाले की नज़र से...

More »

बाबरी फैसला बीजेपी के लिए सोने की मुर्ग़ी है. मथुरा, काशी से भारत का इस्लामिक इतिहास मिटाने के संकेत

-द प्रिंट, तीन सौ इक्यावन गवाह, 600 दस्तावेज़, बहुत से वीडियो कैसेट्स और अख़बारों की ख़बरें, बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अभियुक्तों को- जिनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास और शिव सेना लीडर सतीश प्रधान वग़ैरह शामिल थे- दोषी ठहराने के लिए काफी नहीं थीं. प्रतीकवाद की राजनीति में ऊंची जगह होती है, ख़ासकर भारत में. 28 साल पहले क्या हुआ था,...

More »

अरुंधति रॉय: दो साजिशें और एक दाह संस्कार

-न्यूजलॉन्ड्री,  जब दीवाली करीब आ रही है, और हिंदू लोग अपने राज्य में (और उस नए भव्य मंदिर में, जो अयोध्या में उनके लिए बनाया जा रहा है) भगवान राम की सफल वापसी का उत्सव मनाने की तैयारियां कर रहे हैं, हम बाक़ी लोगों को बस भारतीय लोकतंत्र की सिलसिलेवार सफलताओं के जश्न से ही तसल्ली करनी पड़ेगी. एक बेचैन कर देने वाले दाह संस्कार की, एक महान साजिश को दफनाने...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close