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छोटे कदमों से बड़े बदलाव-- वरुण गांधी

कायदे से तो भारत के गांवों में कोई परेशानी ही नहीं होनी चाहिए थी- आखिर कृषियोग्य भूमि के मामले में हमारा देश दुनिया में दूसरे स्थान पर है. लेकिन, उपजाऊ जमीन के एक तिहाई पर ही सिंचाई की सुविधा है, बाकी क्षेत्र बारिश पर निर्भर है. छोटी होती जोत और खेती की बढ़ती लागत से किसान पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2014 से 17 के...

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फसल बीमा योजना घोटाला-- योगेन्द्र यादव

पिछले दो साल में मैंने सरकार की फसल बीमा योजना के बारे में यह बात कई बार सुनी है कि- 'भाई साहब, यह किसान की फसल का बीमा नहीं है. यह तो बैंकों ने अपने लोन का बीमा करवाया है.' साल 2015 से लेकर अब तक जय किसान आंदोलन के साथियों के साथ मिल कर मैंने देशभर में ‘किसान मुक्ति यात्रा' की. ये यात्राएं उन्हीं इलाकों में हुईं, जहां किसानों...

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इस साल खरीफ फसल के बंपर उत्पादन होने के आसार

वाशिंगटन/नयी दिल्लीः बीते 15 दशक में एेसा पहली बार हुआ है, जब देश में खासकर उत्तर-मध्य भारत में माॅनसून मजबूत हुआ है. इसके साथ ही, देश में माॅनसून मजबूत होने से खरीफ फसलों के बंपर उत्पादन की उम्मीद काफी बढ़ गयी है. अमेरिका की प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं की रिपोर्ट को मानें, तो पिछले 15 वर्षों में उत्तर मध्य भारत में माॅनसून मजबूत हुआ है. यह अध्ययन...

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बाढ़ की चपेट में आधा हिंदुस्तानः डूबी खेती, 120 रुपये किलो बिक रहा टमाटर, प्याज भी कतार में...!

नयी दिल्लीः बीते तीन-चार दिनों से लगातार घटाटोप बारिश का दौर जारी है. इस वजह से फिलहाल करीब-करीब आधा हिंदुस्तान बाढ़ की चपेट में है. लगातार हो रही बारिश खरीफ फसलों की बुआर्इ करने वाले किसानों के लिए फायदेमंद है, लेेकिन सब्जियों खेती करने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसकी वजह यह है कि बारिश के पानी में सब्जियों की आवक मंडियाें तक कम हो गयी है,...

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असली कर्जदार कौन है?-- योगेन्द्र यादव

मंदसौर गोलीकांड को एक महीना हो गया. इस एक महीने में किसान के सवाल पर देश में संवेदना उभरी, कुछ समझ भी बनी. खुद किसान का संघर्ष मजबूत हुआ, एक संकल्प भी बना. लेकिन, क्या इस संवेदना और संघर्ष से कोई समाधान निकलेगा? पिछले एक महीने में किसान के सवाल पर जितनी चर्चा मीडिया में हुई, उतनी पिछले दस साल में नहीं हुई होगी. कम-से-कम अखबार पढ़नेवाले और टीवी...

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