महंगे प्याज ने पहले ही किचन का जायका बिगाड़ के रखा है और अब दाल की कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं. दालों की कीमतों पर लगाम लगाने के सरकार ने स्टॉक लिमिट, जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई, दालों के वायदा कारोबार का निलंबन जैसे उपाय किये हैं, लेकिन ये कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. सरकार भले ही थोक मुद्रास्फीति के माइनस 4.95 के ऐतिहासिक स्तर तक पहुंचने का ढिंढोरा...
More »SEARCH RESULT
नगदी हस्तांतरण और बचत का गणित-- धर्मेंन्द्रपाल सिंह
घरेलू गैस पर मिलने वाली सब्सिडी का पैसा उपभोक्ता के खाते में सीधा हस्तांतरित (डीबीटी) करने संबंधी योजना की सफलता से उत्साहित सरकार ने अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली को भी इसकी जद में लाने का मन बना लिया है। केंद्र ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि इस साल के अंत तक यह काम शुरू हो जाना चाहिए। रसोई गैस पर डीबीटी नवंबर 2014 से ही लागू है। सरकार 14.19...
More »12.5% खाद्य पदार्थों में मिले बिना इजाजत वाले कीटनाशक
नई दिल्ली। सरकार की एक जांच में चावल, गेहूं, दाल, फल, सब्जी, दूध जैसे खाद्य पदार्थों में ऐसे कीटनाशक पाए गए हैं जिनके इस्तेमाल की इजाजत नहीं है। देशभर में खुदरा और थोक दुकानों से पिछले साल 20,618 सैंपल लिए गए थे। इनमें से 12.5 फीसदी में ऐसे कीटनाशक पाए गए। यह खुलासा कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट में हुआ है। इसके मुताबिक 543 या 2.6 फीसदी सैंपल में अधिकतम...
More »58 साल में मात्र ढाई फीसदी बढ़ी दालों की खेती
नई दिल्ली। दालों की बढ़ती कीमतों के लिए इस साल भले ही रबी फसल पर पड़ी बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार को जिम्मेदार बताया जा रहा हो, लेकिन आंकड़ों के अनुसार, इसका प्रमुख कारण सालों से दालों की खेती की अनदेखी है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी विश्व खाद्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही हैं। गेहूं का रकबा 164 फीसदी और धान का रकबा 36 फीसदी बढ़ा आधिकारिक आंकड़ों...
More »खाद्यान्न में अफरा-तफरी का बड़ा घोटाला उजागर
भोपाल। गरीबों के लिए रियायदी दर पर दिए जाने वाले खाद्यान्न् में अफरा-तफरी का बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। राजगढ़ और पचोर में परिवहनकर्ता साढ़े तीन करोड़ रुपए का खाद्यान्न् ले उड़ा। इसने गोदाम से 12 हजार 781 क्विंटल खाद्यान्न् उठाया पर राशन दुकान तक नहीं पहुंचाया। शुरुआत में परिवहनकर्ता घोटाले से इंकार करता रहा लेकिन नागरिक आपूर्ति निगम ने जब दस्तावेज सामने रख दिए तो उसके सारे तर्क हवा...
More »