भोपाल। गर्मी के आते ही शहर में पानी की किल्लत शुरू हो गई है और नगर निगम मुख्यालय में अधिकारी अभी जल संकट से निपटने की योजना भी नहीं बना पाए हैं। करोद जैसी घनी आबादी में पानी की खरीदी बिक्री का खेल शुरू हो गया है। शहर में बढ़ते नलकूपों के खनन ने भूजल स्तर को ऐसा ग्रहण लगाया है कि कई बस्तियों में पानी के लिए हाहाकार की स्थिति बन रही है। जानकारी...
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कहीं ये छोटे हिमयुग की शुरुआत तो नहीं
वाशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र के एक जलवायु विशेषज्ञ ने अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में अंटाकर्टिका जैसी ठंड पड़ने पर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि यह एक छोटे हिमयुग की शुरुआत हो सकती है। आने वाला समय में सर्दी और बेदर्द होगी। साथ ही मैदानी इलाकों में भी हिमपात का अनुपात बढ़ेगा। जर्मनी की केल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण परिवर्तन की रिपोर्ट के लेखक मोजिब लातिफ अगले 30 साल...
More »डुबकी लगाने लायक भी नहीं है गंगा
नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय]। तारने वाली गंगा के पानी के मारक होने पर बहस हो सकती है मगर एक बात तय है कि अब गंगाजल आचमन तो छोड़िए नहाने लायक भी नहीं है। भागीरथी के दामन से प्रदूषण के दाग धोने पर अरबों रुपया बहाने के बावजूद सरकार के तथ्य बताते हैं कि कि गंगोत्री से लेकर डायमंड हार्बर के बीच अधिकतर स्थानों पर गंगा जल से दूर ही रहने में भलाई है। ...
More »एक नदी कुछ कहती है, रोते-रोते बहती है
वाराणसी [स्टाफ रिपोर्टर]। मैं वरुणा हूं। संगम नगरी के मैलहन झील से निकलकर काशी में गंगा में समाहित हो जाती हूं। इस लंबे सफर में अनगिनत घात-प्रतिघात सहन कर रही हूं। मैं अपना सर्वस्व मानव जाति के लिए अर्पित कर रही हूं। उसके बाद भी मेरे अस्तित्व को समाप्त करने की कोशिश हो रही। मुझे नहीं पता मेरा क्या अपराध है? मैंने तो अपने पानी के दोहन के लिए न...
More »जलवायु परिवर्तन पर होगा मंथन
शिमला : पर्वतीय राज्यों में हो रहे जलवायु परिवर्तन, तेजी से पिघल रहे ग्लेशियर और इस कारण लोगों के जीवन पर हो रहे दुष्प्रभाव से कैसे निपटा जाए, इस पर मंथन को छह पहाड़ी राज्यों के मुख्यमंत्री शिमला में जुटेंगे। 29 व 30 अक्टूबर को हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के मुख्यमंत्री इस समस्या का समाधान तलाशने का भी प्रयास करेंगे। इससे निपटने के लिए संयुक्त...
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