मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम व सिक्किम में चावल की खेती के खास प्रयास पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने के लिए चालू वित्त वर्ष 2013-14 में 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसम) के तहत इन राज्यों में चावल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। एनएफएसएम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को खाद्यान्न...
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इस साल 17 राज्यों में रहेगा बिजली का बुरा हाल
आने वाले समय में भी देश के कई राज्यों की आम जनता और फैक्टरियों को बिजली की भारी किल्लत से जूझना पड़ेगा। एक अनुमान के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के दौरान 17 राज्यों में बिजली का बुरा हाल रहेगा। इस दौरान सबसे ज्यादा बिजली संकट तीन दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में रहेगा। इसके अलावा पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी बिजली की भारी कमी देखने को मिलेगी। सीईए...
More »कितना कम जानते हैं हमारे सांसद
समाज के विभिन्न तबकों के लिए भोजन के अधिकार को लेकर काम कर रहे हम जैसे पंद्रह युवाओं का एक समूह पिछले हफ्ते कुछ सांसदों से मिला। इसकी वजह थी, संशोधित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक पर उनसे चर्चा करना और इसे बेहतर बनाने का प्रयास करना। हमने तकरीबन सौ से अधिक सांसदों का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उनमें से महज 20 सांसदों से ही मुलाकात हो सकी। कई सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्रों...
More »भूमि अधिग्रहण और आदिवासी
जनसत्ता 1 मई, 2013: आजकल भूमि अधिग्रहण विधेयक की चर्चा जोरों से चल रही है। वन अधिनियम पहले ही पास कराया जा चुका है। ये दोनों ही कदम आदिवासियों के जीवन को प्रभावित करने वाले हैं। जयराम रमेश का मंत्रालय बार-बार बदला जाना एक विडंबना ही है। जब-जब उन्होंने अपने मंत्रालय से कोई जन-भावन कदम उठा कर हस्तक्षेप करना चाहा, उनका मंत्रालय ही बदल दिया गया! चाहे वह वन या...
More »वनाधिकार कानून का सफेद और स्याह
वनाधिकार कानून की यात्रा साल 2006 के बाद से आज दिन तक किस मुकाम तक पहुंची है- इसका जायजा लेने के लिए देश भर से कुछ समूह दिल्ली में जुटे थे। वनाधिकार कानून को अक्सर ऐतिहासिक करार दिया जाता है क्योंकि इस कानून वनक्षेत्र और उसके आस-पास रहने वाले समुदायों और व्यक्तियों को भूस्वामित्व का हकदार बनाया, इस हकदारी को अवैध करार देने वाले सदियों पुराने चलन का खात्मा किया।...
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