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तेरह प्वॉइंट रोस्टर का मुद्दा -- अनुज लुगुन

बातचीत के दौरान 13 प्वॉइंट रोस्टर पर कुछ विद्यार्थी यह चिंता जाहिर कर रहे थे कि यदि नियुक्तियों में इसी तरह के रोस्टर लागू होंगे, तो हमारे पढ़ने-लिखने का कोई मतलब नहीं रह जायेगा. यह व्यवस्था तो प्राचीन मनुवादी सामाजिक व्यवस्था की सूचक है, जिसमें वंचित समुदायों के समान अवसरों का निषेध किया जाता रहा है. तेरह प्वॉइंट रोस्टर को लेकर उनकी यह चिंता वाजिब है. उनकी इस चिंता...

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सोलहवीं लोकसभा का कामकाज-- अंकिता नंदा

साल 2019 के बजट सत्र के समापन के साथ 16वीं लोकसभा का अवसान हो गया. पिछले पांच वर्षों के दौरान 133 विधेयक पारित हुए- खास तौर से वित्त, स्वास्थ्य, कानून और न्याय, शिक्षा से जुड़े. पिछली दो लोकसभाओं- 14वीं और 15वीं- की तुलना में 16वीं लोकसभा में निचले सदन में एक राजनीतिक दल का बहुमत था. इस लोकसभा ने कई पैमानों पर बेहतर प्रदर्शन किया. हालांकि, 15वीं लोकसभा के मुकाबले...

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असम की भाजपा सरकार ने विधानसभा में अवैध विदेशियों के अलग-अलग आंकड़े पेश किए

गुवाहाटी ः असम की भाजपा सरकार को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, जब विधानसभा में एक सवाल के जवाब में सरकार ने अवैध नागरिकों के अलग-अलग आंकड़े पेश कर दिए. प्रश्नकाल के बाद भाजपा विधायक नुमाल मोमिन ने इस मुद्दे की तरफ ध्यान दिलाया और स्पीकर से अनुरोध किया कि वह लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. एक सवाल का जवाब देते हुए असम के संसदीय कार्य मंत्री...

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कैसे सालभर में तीन फैसलों ने एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों का विश्वास डिगा दिया

भारतीय सुप्रीम कोर्ट को एक ऐसे संस्थान के रूप में जाना जाता है जो कि ‘वीरतापूर्वक' नागरिक स्वतंत्रता की हिमायत करता है और एक उत्पीड़क सामाजिक ढांचे के विरुद्ध हाशिये पर पड़े सामाजिक वर्गों के रक्षक की भूमिका निभाता है. पिछले डेढ़ वर्षों की अवधि में इसने लोगों की निजता के अधिकार को मान्यता दी, एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों को स्वीकार किया और सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की...

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जन-बुद्धिजीवी की चीख और अपील-- रविभूषण

किसी भी समाज में जन-सार्वजनिक बुद्धिजीवी की विशेष भूमिका होती है. ऐसे बुद्धिजीवी जनता की आवाज होते हैं, उन्हें दिशा-दृष्टि देते हैं. पिछले कुछ समय से भारतीय बुद्धिजीवियों पर राज्य द्वारा अनेक आरोप मढ़े जा रहे हैं. लेखक, स्तंभकार, शिक्षाविद्, राजनीतिक विश्लेषक, नागरिक अधिकार सक्रियतावादी, प्रसिद्ध-प्रतिष्ठित, महत्वपूर्ण दलित चिंतक आनंद तेलतुंबड़े को भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी बनाया गया है और उनके नौ सह-आरोपी अभी जेल में हैं, जिनकी भारतीय बौद्धिक...

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