भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। राजधानी में रहने वाले गरीब और अंत्योदय परिवारों के ऐसे सदस्य जिन्होंने अब तक अपना आधार नंबर पीडीएस दुकान पर जाकर नेशनल फूड सेफ्टी पोर्टल (एनएफएसए) पर रजिस्टर्ड नहीं कराया है, 1 मई से उनके हिस्से का राशन मिलना बंद हो जाएगा। राजधानी में गरीब परिवारों के ऐसे 4 लाख 6 हजार सदस्य चिन्हित किए गए हैं, जिनके आधार की सीडिंग कराने न तो वे खुद आए...
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शहरी गरीबों को आवास देने का काम मप्र में बेहद सुस्त
भोपाल। शहरी गरीबों और झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को मकान देने की केंद्र सरकार की विभिन्न् योजनाओं का काम मध्यप्रदेश में बेहद सुस्त गति से चल रहा है। आलम यह है कि तीन योजनाओं में पिछले तीन साल में प्रदेश में सिर्फ 18 हजार मकान बने हैं, जबकि अन्य राज्यों में यह संख्या पचास हजार तक पहुंच चुकी है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2022 तक पूरे देश...
More »उज्जवला की गैस से होटल में बन रही चाय, गरीब की रसोई में अब भी धुआं
हरिओम गौड़/ अजीत तिवारी। भोपाल/श्योपुर। गरीबों की रसोई को धुआंमुक्त करने के मकसद से शुरू हुई उज्जवला योजना गरीब की रसोई नहीं बल्कि होटलों के किचन को उज्जवल कर रही है। बड़ी संख्या में गरीबों ने योजना के तहत मुफ्त में मिले गैस सिलेंडर चाय-नाश्ते की होटल वालों को बेच दिए हैं जो महंगे कर्मशियल सिलेंडर की जगह इन सिलेंडर का इस्तेमाल कर अपने पैसे बचा रहे हैं। हालात यह हैं...
More »देर से शादी के चलते जानलेवा हो रहा है हाइपरटेंशन
भोपाल। आरामतलब जिंदगी और उसके बाद देर से शादी गर्भवती महिला व शिशु के लिए खतरनाक साबित हो रही है। लाइफ स्टाइल के चलते उन्हें 25 से 30 साल की उम्र में ही हाइपरटेंशन (हाई बीपी) हो रहा है। इस उम्र में मां बनने पर मां के साथ ही गर्भस्थ शिशु की जिंदगी भी खतरे में रहती है। पिछले साल (2015-16) के मैटरनल डेथ रिव्यू में सामने आया है कि...
More »प्रदेश में दस साल और बनी रहेगी डॉक्टरों की कमी
भोपाल। डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे मध्यप्रदेश में यह दिक्कत आने वाले दस साल तक बनी रह सकती है। इसकी वजह मप्र का देश के उन राज्यों में शामिल होना है, जहां सबसे कम मेडिकल कॉलेज है। प्रदेश में शासकीय और निजी मेडिकल कॉलेजों की संख्या मिला भी दी जाए तो भी कुल 18 ही कॉलेज है, जबकि अन्य राज्यों में यह संख्या दोगुनी से भी ज्यादा है। प्रदेश में...
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