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पांच सौ रुपया तनख्वाह में बीस वर्षो से कार्य कर रही हैं दाईयां

पिथौरागढ़। सुविधाओं से वंचित ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने वाली दाईयों के हाल बद से बदत्तर हैं। सरकारें अपने कर्मचारियों को छठा वेतनमान दे रही है वहीं इन दाईयों को मात्र चार सौ रुपये प्रतिमाह खैरात के रुप में दिये जाते हैं। सौ रुपया स्थानीय अस्पताल से मिलता है। पांच सौ रुपयों के लिये दाईयों को माह में दो तीन बार ब्लाक मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ते हैं। जिसमें मिलने वाली धनराशि का...

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मातृत्व पर गहराता संकट

नई दिल्ली [अरविंद जयतिलक]। बेशक देश में महिलाएं सफलता का इतिहास रच रही हैं। अपने बुलंद हौसले से उन कार्यो को भी अंजाम तक पहुंचा रही हैं, जो सदियों से उनके लिए असंभव बताया जाता रहा है। बात चाहे देश में सरकार को नेतृत्व देने का हो अथवा सेवा क्षेत्र में मिसाल कायम करने की, आज वह हर कहीं पुरुषों से कंधा मिला रही हैं, लेकिन इन सबके बावजूद दुखद स्थिति यह है कि बुनियादी स्वास्थ्य...

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किसे है यूपी में जनता की सेहत की फिक्र

नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह]। उत्तर प्रदेश विधानसभा में आंकड़ों के खेल में सरकार की सेहत भले ही ठीक हो, लेकिन जनता की सेहत की फिक्र किसे है। कम से कम ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। केंद्र सरकार की नजर में इस मामले में राज्य सरकार का कामकाज बिल्कुल असंतोषजनक है। प्रदेश के लगभग दो सौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टरों के और 1929 मातृ-शिशु कल्याण उप केंद्र बिना एएनएम के चल...

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नहीं मिल रहा स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ

मलिहाबाद (लखनऊ), 11 मई : क्षेत्र में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 42 मातृ शिशु परिवार कल्याण केन्द्र स्थापित किए गए हैं। यह केन्द्र अपने उद्देश्यों से भटक गये हैं। इससे केन्द्रों की सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। ग्राम नवीनगर, कसमण्डी खुर्द, कसमण्डी कलां व रहीमाबाद केन्द्रों के भवन जीर्ण शीर्ण हैं। 15 केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं। इनकी स्थिति बदतर है। मानक...

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जननी की फिक्र नहीं सरकार को

भोपाल। महिला हितों का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार की हकीकत हाल ही में हुए जिला स्तरीय स्वास्थ्य निरीक्षण रिपोर्ट ने कलई खोल कर रख दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार, जननी सुरक्षा योजना में घरेलू प्रसव पर महिलाओं को मिलने वाला लाभ प्रदेश की मात्र एक प्रतिशत महिलाओं तक पहुंच रहा है। योजना के सही क्रियान्वयन न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी दो बार राज्य सरकार को फटकार लगाई लेकिन, इसका भी सरकार पर...

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