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हर भूमिहीन को जमीन!

जहां 2009 के लोकसभा चुनाव में मनरेगा योजना ने यूपीए-1 की किस्मत बदल डाली, अब यूपीए-2 की नजर एक ऐसा ही महत्वाकांक्षी कानून लाने पर है. कांग्रेस नीत यूपीए सरकार भूमि अधिकार कानून के जरिए 2009 के नतीजों को दोहराने की तैयारी कर रही है. 2014 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपीए ने महत्वाकांक्षी भूमि सुधार कानून का मसौदा तैयार किया है जिसका मकसद गांवों में रहने वाले भूमिहीन परिवारों को जमीन मुहैया कराना...

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मनरेगा कर्मियों की केन्द्रीय कर्मचारी घोषित करने की मांग

नयी दिल्ली। केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम... ‘मनरेगा’ के तहत दूरदराज गांवों में प्रशासनिक सहायक के तौर पर काम करने वाले कर्मचारियों ने उन्हें केन्द्रीय कर्मचारी बनाने और समूचे मनरेगा प्रशासन को अलग विभाग घोषित करने की मांग की है। मनरेगा कार्यक्रमों में रोजगार सेवक तथा तकनीकी सहायक, लेखा सहायक, कंप्यूटर आपरेटर और अन्य कार्यक्रम अधिकारी के तौर पर काम करने वाले मनरेगा कर्मचारियों के...

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जयराम रमेश के पत्र पर भड़कीं ममता बनर्जी

कोलकाता, 21 अक्तबूर (जनसत्ता)। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के उस पत्र पर कड़ी नाराजगी जताई है। जिसमें रमेश ने लिखा था कि ‘दिल्ली की दिमागी रूप से मृत सरकार’ पश्चिम बंगाल के लोगों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील है। रमेश ने यह पत्र पिछले दिनों वर्ष 2012-13 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पश्चिम बंगाल के लिए छठवीं किश्त...

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राहुल संभालेंगे एचआरडी रक्षा या ग्रामीण विकास!

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने मनमोहन सरकार के मंत्री के रूप में नई पारी शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली है। इस बात की पूरी संभावना है कि वे रक्षा, मानव संसाधन या ग्रामीण विकास मंत्रालय संभाल सकते हैं। 42 वर्षीय राहुल जल्द ही नई जिम्मेदारी संभालेंगे। मनमोहन सरकार में विस्तार और फेरबदल सितंबर के दूसरे सप्ताह में होने की संभावना है। संसद का मानसून सत्र भी इस समय तक खत्म...

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गरीबी, खाद्य सुरक्षा और कैश ट्रांसफर- रितिका खेड़ा

कुछ महीने पहले योजना आयोग की गरीबी रेखा पर काफी चर्चा हुई हैं. उच्चतम न्यायलय में दायर हलफनामे में योजना आयोग ने कहा कि 2011 की सरकार की गरीबी रेखा- ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 32 रुपए- जीवनयापन यानी खाना, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त है. आज से पहले किसी भी सरकार ने यह दावा नहीं किया कि गरीबी रेखा जीवन बिताने के लिए पर्याप्त...

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