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सबको समय पर न्याय देने के लिए-- के सी त्यागी

विधि मंत्रालय ने जजों की संख्या के जो आंकड़े जारी किए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। इसके अनुसार, देश में प्रति 10 लाख की आबादी पर न्यायाधीशों की संख्या मात्र 18 है, जबकि यह 50 होनी चाहिए। जजों की आनुपातिक संख्या में कमी कोई अचानक उत्पन्न हुई समस्या नहीं है। समय-समय पर सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश द्वारा सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया जाता रहा है, परंतु ठोस...

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अर्थव्यवस्था और भ्रष्टाचार का घुन-- अरविन्द कुमार सिंह

दुनिया के अनेक देशों की तुलना में भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में पिछड़ रहा है। यह स्थिति तब है जब यहां भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानूनों से लैस तमाम एजेंसियां हैं और नागरिक समाज आंदोलित है। वैसे तो भ्रष्टाचार ने पूरी दुनिया को गिरफ्त में ले रखा है, लेकिन अगर भारत की बात करें तो जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां भ्रष्टाचार का बोलबाला न...

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आसान नहीं इरोम की राह- अमरनाथ सिंह

अनशन तोड़ने से मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला की आगे की राह आसान नहीं होगी। लेकिन यह भी सच है कि आखिर सोलह साल तक लगातार भूख हड़ताल करने पर भी उनकी एकसूत्री मांग पूरी नहीं हो पाई, अफस्पा (सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून) नहीं हट पाया। लंबे समय तक भूख हड़ताल से इरोम का शरीर जरूर कमजोर हुआ है लेकिन कठिनाइयों व चुनौतियों का सामना करने की उनकी आंतरिक...

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16 साल बाद भूख हड़ताल खत्म

इंफाल: सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून यानी अफस्पा को हटाने की मांग को लेकर 16 साल से अनशन कर रहीं मणिपुर की ‘आयरन लेडी' इरोम चानू शर्मिला ने मंगलवार को घोषणा की कि वह नौ अगस्त को अपना अनशन समाप्त कर देंगी और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी. इंफाल में एक स्थानीय अदालत से बाहर आते हुए 44 वर्षीय मानवाधिकारकर्मी ने मीडिया के समक्ष एलान किया...

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गर्भपात कानून पर केंद्र को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गर्भपात कानून के प्रावधानों को चुनौती देने वाली एक कथित बलात्कार पीड़िता की याचिका पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से सफाई मांगी। याचिका में कानून के उन प्रावधानों को चुनौती दी गई है जो गर्भधारण के 20 हफ्ते बाद गर्भपात कराने पर रोक लगाते हैं, भले ही मां और उसके भ्रूण को जीवन का खतरा ही क्यों न हो। न्यायमूूर्ति जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली...

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