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अगले दो साल में एक करोड लोगों को रोजगार मुहैया करायेगी सरकार : बंडारु दत्तात्रेय

पटना : केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंडारु दत्तात्रेय ने आज कहा कि केंद्र सरकार की बेरोजगारी दूर करने के लिए अगले दो सालों के दौरान एक करोड लोगों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने की योजना है. उन्होंने बताया कि देश में वित्त वर्ष 2013-14 के अनुसार कार्यबल की संख्या करीब 47 करोड है जिनमें से गैर संगठित क्षेत्र में 39 करोड और संगठित क्षेत्र में 8...

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छंटनी होगी आसान, सिंगल लेबर कोड लाने की तैयारी में सरकार

  नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार तीन श्रम कानूनों को मिलाकर एक सिंगल लेबर कोड बनाने की तैयारी कर रही है। इससे कर्मचारियों के लिए यूनियन बनाना जहां मुश्किल हो सकता है, वहीं 300 तक की कर्मचारी संख्‍या वाली कंपनियों को छंटनी के लिए किसी भी तरह की आधिकारिक अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। अधिकारियों का कहना है कि श्रम कानूनों के एकीकरण का मकसद ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देना...

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प्रवासी कामगारों की बेहतरी की चिंता- पत्रलेखा चटर्जी

यमन में गृहयुद्ध ने पश्चिम एशिया में भारतीय प्रवासियों की दुर्गति को केंद्र में ला दिया है। वैसे तो हमारी सरकार युद्धरत क्षेत्र से भारतीयों को निकाल लाने की हरसंभव कोशिश कर रही है, लेकिन अनेक भारतीय ऐसे हैं, जो खुद ही वहां से नहीं निकलना चाहते। मसलन, केरल की अनेक नर्सें, जिनके अभिभावकों ने पहले उनके प्रशिक्षण, और फिर उन्हें विदेश भेजने के लिए भारी कर्ज लिया, वहां से...

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यह आत्महत्या ऐसे नहीं रुकेगी- चौ. राकेश टिकैत

जय जवान, जय किसान अथवा अन्नदाता देवो भवः जैसे नारों के साथ सत्ता में आने वाली सरकारें किसानों के प्रति हमेशा संवेदनहीन रही हैं। नहीं तो आज प्रत्येक बीस मिनट में एक किसान और कर्ज के कारण सालाना 12,000 किसान आत्महत्या करने को मजबूर नहीं होते! प्रधानमंत्री मोदी पुराने कानूनों को बदलने की बात जरूर कहते हैं, पर एनडीए सरकार के दस माह के कार्यकाल में किसान-विरोधी कानूनों को बदलने...

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किसानों को दिहाड़ी मजदूर न बनाएं - देविंदर शर्मा

22 मार्च को किसानों के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात" रेडियो पर प्रसारित होगी और देश में खेती-किसानी और कृषकों के हालात सुधारने के बारे में उनके विचारों से मैं अवगत होना चाहूंगा। मैं नहीं जानता कि मेरे विचार उनके किसी निर्णय को बदल अथवा प्रभावित कर सकते हैं या नहीं, लेकिन यहां मैं किसानों की दुर्दशा और परेशानी अवश्य साझा कर सकता हूं। इसके साथ...

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